शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि अयोध्या मसले को सुप्रीम कोर्ट पर ही छोड़ देना चाहिए। न्यायालय का जो भी फैसला आएगा उसे हम सबको मान लेना चाहिए। जौनपुर में एक धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे मौलाना कल्बे जव्वाद गुरुवार को बाजारभुआ स्थित आइडियल पब्लिक स्कूल में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी जिस तरह से एक के बाद एक विवादित बयान दे रहे हैं उससे तो यही लगता है कि आरएसएस के बड़े नेताओं का हाथ उनके सर पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा वक्फ के घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश होने के बावजूद उन पर कोई कार्रवाई न होना भी उनके आरएसएस से करीबी रिश्ते का संकेत है।
वसीम रिजवी ने पूर्व मंत्री आजम खान के साथ मिलकर कई बड़े घोटाले किए हैं। उन्होंने हमारे सबसे बड़े धर्मगुरु आयतुल्लाह सिश्तानी के बारे में बोला था तो सभी उलेमाओं ने एकजुट होकर शिया कौम से खारिज कर दिया था।
इसलिए शिया कौम उनके बयान पर कोई तव्वजो नहीं देती है। भारत और ईरान के रिश्ते के सवाल पर उन्होंने कहा कि ईरान हमेशा भारत का दोस्त रहा है और जिस तरह से अमेरिका पूरी दुनिया में अपनी दादागिरी कर उसे बर्बाद करने पर तुला है उससे सतर्क रहने की जरूरत है।
ईरान हमें सस्ता तेल देता है, जिससे भारत को फायदा होता है। हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार इस रिश्ते को निभाती रहेगी। गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हो रहे हमले पर उन्होंने चिंता जताई और कहा कि यह देश हम सबका है और हिन्दुस्तान का कोई भी नागरिक कहीं भी जाकर काम कर सकता है। कुछ लोग देश तोड़ने का काम करने वाली राजनीति कर रहे है उनसे सतर्क रहने की जरूरत है। इस मौके पर मौलाना सफदर हुसैन जैदी, सै. शहंशाह हुसैन रिजवी, अजादारी कौन्सिल के महासचिव तामिर हसन शीबू, जफर मेंहदी, सै. जरगाम एहसन एडवोकेट मौजूद रहे। अमर उजाला