देहरादून: रविवार को नई जाटव बस्ती, ऋषिकेश में आयोजित संत शिरोमणी रविदास जी की जयंती के अवसर पर आयोजित गोष्ठी में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि संत
रविदास ने सामाजिक सद्भाव, सहनशीलता व सादगी का जो संदेश समाज को दिया है, वह आज भी प्रासंगिक है। संत रविदास की शिक्षाओं पर चलकर सच्चे समाज की स्थापना की जा सकती है। उन्होंने कहा कि संत रविदास जी की जयंती को दलित समाज ही नही बल्ति समस्त समाज के लोग तथा अनुयायी बड़ी धूम धाम से मनाते है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मंच में उपस्थित संतो को शाॅल भंेट कर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमें संत रविदास जैसे महान साधकों व संतो के जीवन व आदर्शों से प्रेरणा लेनी चाहिए। संत रविदास जी ने एक दलित परिवार में जन्म लेकर भी गुरू भक्ति में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि वे एक ऐसे अद्भूत संत थे, जो अपने जीवन काल में भगवान के रूप में पूजे गए है। उन्होंने समाज सुधार एवं लोगों को जीवन का रास्ता दिखाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सामाजिक कुरितियों को खत्म किया। कुछ सामाजिक कुरितियां उस समय हिन्दु मानस को जकडे हुयी थी। उन्होंने लोगों को इंसान ही भगवान का प्रतिरूप होने का संदेश दिया। जो इंसान में मतभेद करता है। वह भगवान का अपमान करता है। वह भगवान की सत्ता पर भी विश्वास नही करता है। उन्होंने कहा कि जिसको भगवान की सत्ता पर विश्वास है, वह इंसान के साथ मतभेद नही करता। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपने अच्छे बुरे कर्मों से ही छोटा-बड़ा बनता है। उन्होंने कहा कि एक छोटा व्यक्ति भी अपने अच्छे कर्म के जरिए भगवान का स्थान पा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास ने कर्म ही महानता का संदेश समाज को दिया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार के मंत्रीमण्डल ने फैसला लिया है कि संत रविदास जी की जयंती के अवसर पर राज्य में अवकाश रहेगा।