मुंबई: महाराष्ट्र सरकार अरब सागर में बनने वाले छत्रपति शिवाजी मेमोरियल को Z++ सिक्यॉरिटी देने की योजना बना रही है । इसमें अदृश्य रेडार सिस्टम के साथ ही बंकर और एक स्वतंत्र सुरक्षा यूनिट का भी निर्माण किया जाएगा। इतना ही नहीं मेमोरियल की सिक्यॉरिटी के लिए नैशनल सिक्यॉरिटी गार्ड (एनएसजी) के कमांडो भी तैनात होंगे।सरकार मुंबई के पास टापू पर बनने वाले इस मेमोरियल की सुरक्षा को लेकर कोई कोताही नहीं बरतना चाहती। इस तरह के कदम 26/11 जैसी घटना को दोबारा होने से रोकने के लिए उठाये जा रहे हैं। इसके साथ ही सरकार की योजना है कि अगर कभी ऐसी कोई घटना हो भी जाए तो उसका सामना उसका बेहतर ढंग से किया जा सके। 26/11 के हमले में आतंकी समुद्री रास्ते से ही मुंबई में दाखिल हुए थे। सरकारी अनुमान के अनुसार 2019 में इसके पूरे होने के बाद रोजाना यहां 10 हजार लोग आएंगे।
नरीमन पॉइंट से 2.6 किलोमीटर दूर, 16 हेक्टेयर के इस चट्टानी टापू पर ऐंटि रेडार सिस्टम के अलावा सुरक्षा के कई अन्य इंतजाम भी किए जाएंगे। एक अधिकारी ने बताया, ‘स्थायी बंकारों का भी निर्माण किया जाएगा, ताकि हमले की स्थिति में सुरक्षा बल उसका इस्तेमाल कर सकें। मेमोरियल पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी भी रखी जाएगी।
इस प्रोजेक्ट को अमली जामा पहनाने वाले पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि नैशनल सिक्यॉरिटी गार्ड, मुंबई पुलिस और कोस्ट गार्ड को पत्र लिखकर इस मेमोरियल के लिए एक इंडिपेंडेंट यूनिट बनाने को कहा गया है।
1900 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला 190 फीट ऊंचा इस मेमोरियल को मंगलवार को ही अनुमति मिली है। इस मेमोरियल को टूरिस्ट अट्रैक्शन के तौर पर प्रमोट किया जा रहा है।
मेनटिनेंस के लिए स्टैचू के अंदर एक इंस्पेक्शन गैलरी भी बनाई जाएगी। अभी तक हालांकि यह तय नहीं हो पाया है कि लोगों को इस गैलरी में जाने की इजाजत होगी या नहीं। इसके साथ ही टिकट की कीमत का भी खुलासा नहीं किया गया है।
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