श्रावण मास में आने वाली हरियाली तीज का काफी महत्व है। इस दिन सुहागिनें पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। यह महिलाओं का उत्सव है| सावन में जब प्रकृति ने हरियाली की चादर ओढ़ी होती है तब हर किसी के मन में मोर नाचने लगते हैं| पेड़ों की डाल में झूले पड़ जाते हैं| सुहागन स्त्रियों के लिए यह व्रत बहुत ही महत्वपूर्व है|
कब मनाई जाती है
श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज पर्व के रूप में मनाया जाता है। इसे हरियाली इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह सावन के महीने में आता है। हरियाली तीज का व्रत इस साल 3 अगस्त 2019, शनिवार को किया जाएगा।
क्या करती हैं सुहागिनें
महिलाएं इस दिन मां पार्वती और भगवान शंकर की पूजा करती हैं और अपने पति के लंबी आयु की कामना करती हैं. व्रत रखती हैं. श्रृंगार कर शिव-पार्वती पूजन किया जाता है.
हरियाली तीज व्रत पूजा विधि
सुबह उठ कर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद मन में पूजा करने का संकल्प लें और ‘उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये’ मंत्र का जाप करें| पूजा शुरू करने से पूर्व काली मिट्टी से भगवान शिव और मां पार्वती तथा भगवान गणेश की मूर्ति बनाएं| फिर थाली में सुहाग की सामग्रियों को सजा कर माता पार्वती को अर्पण करें| ऐसा करने के बाद भगवान शिव को वस्त्र चढ़ाएं| उसके बाद तीज की कथा सुने या पढ़ें|
हरियाली तीज पंरपरा
कई राज्यों में इस दिन नवविवाहित लड़कियों को मायके बुला लिया जाता है और ससुराल से कपड़े, गहनें, श्रृंगार का सामान, मेहंदी और मिठाई भेजी जाती है. जबकि कुछ राज्यों में स्त्रियां ससुराल में रहकर ही इस पूजा को सम्पन्न करती हैं। व्रत रखती हैं और पति की सुख, समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। मायके से उनके लिए कपड़े, गहने, श्रृंगार का सामान, मेहंदी और मिठाई भेजी जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन विवाहिता को मायके से भेजी गई चीजों को प्रयोग करना चाहिए।
झूला झूलने का महत्व
इस दिन झूला झूलने का भी खास महत्व है। बता दें कि हरियाली तीज श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इसे छोटी तीज या श्रावण तीज भी कहते हैं। इसके 15 दिनों बाद एक और तीज होती है कजरी तीज।उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश समेत उत्तर भारत के कई शहरों में हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है।