नई दिल्ली: केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री, श्री धर्मेंद्र प्रधान ने, अपनी जापान यात्रा के दौरान, आज जापान के शीर्ष इस्पात उत्पादकों के साथ बातचीत की। मंत्री ने भारत द्वारा हाल ही में निवेशकों के उठाए गए अनुकूल कदमों पर प्रकाश डाला, जैसे कि कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती, व्यवसाय करने में आसानी में देश का बेहतर रैंक, नई कंपनियों और नए निवेशों के लिए टैक्स में दिया गया प्रोत्साहन इत्यादि। उन्होंने जापान के स्टील उद्योग को भारत की आगे की ओर बढ़ने वाली कहानी का एक हिस्सा बनने का आह्वान किया।
श्री धर्मेंद्र प्रधान ने जेएफई स्टील कॉर्पोरेशन के उपाध्यक्ष, श्री मासायुकी हिरोसे से मुलाकात की, जो कंपनी जापान के सबसे बड़े स्टील निर्माताओं में से एक है। जेएफई के पास एक मजबूत अनुसंधान प्रभाग भी है जिसमं पर्यावरण के अनुकूल इस्पात उद्योग के लिए नवीन प्रौद्योगिकियों का अनुसंधान और विकास किया जाता है। जेएफई का भारतीय इस्पात क्षेत्र के साथ एक लंबा संबंध रहा है और वह भारत में अपनी उपस्थिति को विस्तृत करने के लिए उत्सुक है। मंत्री ने जेएफई के उपाध्यक्ष को बताया कि भारत देश एक बड़े बाजार, बढ़ती हुई मांग और अत्यधिक सहायक कारोबारी माहौल के साथ निवेश के लिए सबसे उपयुक्त स्थानों में से एक है। उन्होंने जेएफई को भारत में उनके कार्यों का विस्तार करने के लिए आमंत्रित किया।
श्री धर्मेंद्र प्रधान ने निप्पॉन स्टील कॉरपोरेशन की ग्लोबल बिजनेस डेवलपमेंट टीम के श्री कट्सुहिरो मियामोतो और श्री ताइसुके नोमुरा से भी मुलाकात की। निप्पॉन कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनियों में से एक है, जो कि निर्माण क्षेत्र, मोटर वाहन उद्योग, लोकोमोटिव और जहाज निर्माण के लिए उत्पाद करता है। निप्पॉन, भारत में अपने निवेश को विस्तृत करने के लिए बहुत उत्साहित है। मंत्री ने उनको मोदी सरकार की मेक इन इंडिया पहल के अंतर्गत अपनी उपस्थिति को दर्ज करवाने और भारत के विकास की गाथा में अपना योगदान देने के लिए आमंत्रित किया।
श्री प्रधान ने टोक्यो में डाइडो स्टील कंपनी लिमिटेड के प्रतिनिधियों के साथ भी मुलाकात की। डाइडो, दुनिया की सबसे बड़ी विशिष्टता वाली इस्पात निर्माता कंपनियों में से एक है, जो कि उच्च-प्रदर्शन सामग्री, चुंबकीय सामग्री, ऑटोमोबाइल उद्योग के कल-पुर्जों और औद्योगिक उपकरणों के लिए भी काम करता है। डाइडो स्टील की भारत में संयुक्त उद्यमों और विभिन्न सहायक कंपनियों के माध्यम से बेहतर ढ़ग से उपस्थिति दर्ज है। बैठक के दौरान, इस साझेदारी को भारतीय इस्पात उद्योग में प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण और सर्वोत्तम प्रथाओं के साझाकरण के माध्यम से अधिक प्रभावी बनाने के तरीकों पर बातचीत की गई।