नई दिल्ली: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई दिल्ली में रोसनेफ्ट के प्रबंधन मंडल के अध्यक्ष और सीईओ तथा रूसी संघ के पूर्व उपप्रधानमंत्री श्री इगोर सेचिन से मुलाकात की। इस मुलाकात का उद्देश्य रोसनेफ्ट और भारतीय तेल तथा गैस कंपनियों के बीच विचार-विमर्श को आगे बढ़ाना है। यह मुलाकात प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की व्लादिवोस्तोक में पूर्वी आर्थिक मंच के मुख्य अतिथि के रूप में की गई यात्रा और रूस के राष्ट्रपति श्री व्लादिमेर पुतिन के साथ 20वीं वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में मुलाकात के बाद की जा रही है। उल्लेखनीय है कि भारत और रूस ने भारत के प्रधानमंत्री की इस महीने के शुरूआत में की गई यात्रा के दौरान 2019-24 के लिए हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में सहयोग के बारे में संयुक्त वक्तव्य जारी किया था।
श्री प्रधान और श्री इगोर सेचिन के बीच हुई बैठक के दौरान भारतीय तेल और गैस क्षेत्र की सार्वजनिक क्षेत्र कंपनियों और रोसनेफ्ट के बीच चल रहे सहयोग की व्यापक समीक्षा की गई। सऊदी अरामको द्वारा प्रदत्त सेवाओं पर अभी हाल में हुए हमलों के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया। इस संदर्भ में भारतीय रिफाइनरीज़ को रूस से कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ाने के बारे में विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया गया। रूस और भारतीय तेल और गैस की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के बीच चल रही संयुक्त परियोजनाओं की भी समीक्षा की गई। श्री प्रधान की उपस्थिति में चार तेल और गैस सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के कन्सोर्टियम और रोसनेफ्ट ने गैर-बाध्यकारी सहयोग समझौते का आदान-प्रदान किया। रोसनेफ्ट सहित विदेशी निवेशकों के कन्सोर्टियम की योजना के बारे में तथा नयारा एनर्जी के विकास को और आगे बढ़ाने के बारे में विचार-विमर्श किया गया। कन्सोर्टियम वाडिनार रिफाइनरी में रिफाइनिंग को दो गुना बढ़ाने के विकल्प की भी समीक्षा कर रहा है।
पहले चरण के कन्सोर्टियम में अगले दो वर्षों में वाडिनार में पेट्रोकैमिकल यूनिट भवन के निर्माण के लिए 850 मिलियन अमरीकी डॉलर निवेश करने की प्रतिबद्धता है। यह कन्सोर्टियम नयारा एनर्जी की खुदरा उपस्थिति का विस्तार करने की भी योजना बना रहा है। इसके पूरे देश में वर्तमान में 5300 से अधिक खुदरा बिक्री केन्द्र हैं। रोसनेफ्ट सीईओ ने भारत में ऊर्जा सुरक्षा मजबूत करने के लिए अपना सहयोग बढ़ाने और भारत को अच्छी गुणवत्ता का फीडस्टॉक और कच्चे तेल की आपूर्ति में मदद करने का संकेत दिया। श्री प्रधान ने कराधान मामलों में और विचार-विमर्श के लिए वित्त मंत्रालय से बातचीत करने की जरूरत बताई। श्री प्रधान ने कहा कि रोसनेफ्ट भारतीय तेल और गैस कंपनियों का सबसे मुख्य भागीदार है, जो भारत और रूस दोनों में आपसी लाभदायक निवेश संबंध रखता है। उन्होंने भारतीय ओएमसी और रोसनेफ्ट के बीच भारत को रूसी कच्चे तेल की सप्लाई के लिए शर्त अनुबंध को अंतिम रूप देने पर चल रहे विचार-विमर्श का स्वागत किया। इस बैठक में द्विपक्षीय ऊर्जा सहयोग और एक निपुण ऊर्जा पुल की स्थापना के बारे में ध्यान दिया गया। इसमें भारतीय और रूसी तेल और गैस कंपनियों की उत्पादन परियोजनाओं तथा रिफाइनिंग में निवेश के साथ-साथ वैश्विक और क्षेत्रीय बाजारों में संयुक्त परिचालन में भागीदारी शामिल है।