नई दिल्ली: केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित “भारत@ 75 शिखर सम्मेलन: मिशन 2022” को संबोधित किया। उन्होंने कहा, देश के 115 चिन्हित आकांक्षी जिलों में एमएसएमई उद्योग की उपस्थिति में सुधार की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया है। सकल घरेलू उत्पाद में उनका योगदान वर्तमान में नगण्य है, लेकिन अगर उनकी ओर ध्यान केंद्रित किया जाता है, तो ये रोजगार के परिदृश्य को बड़े पैमाने पर बढ़ा सकते हैं।
मंत्री ने बताया कि सरकार छोटी इकाइयों को उनके लघु वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एमएसएमई के तहत लाने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है। हाल ही में, एमएसएमई का विस्तार किया गया है और 50 करोड़ तक के निवेश मूल्य वाले उद्योग और 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार कारोबार करने वाले को एमएसएमई के तहत लाकर नई ढ़ंग से परिभाषित किया जा रहा है। साथ ही, एमएसएमई के अंतर्गत विनिर्माण और सेवा क्षेत्र दोनों को समान परिभाषा देकर एक साथ लाया गया है।
श्री गडकरी ने सीआईआई के प्रतिनिधियों से देश की समग्र आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए विचारों और सुझावों को साझा करने का आह्वान किया। उन्होंने चीन के उदाहरण का हवाला दिया, जहां शीर्ष 10 व्यापार श्रेणियां देश के निर्यात में लगभग 70 प्रतिशत का योगदान देती हैं। उन्होंने कहा, प्रौद्योगिकी उन्नयन से, भारत एमएसएमई क्षेत्र में नए निर्यात मार्ग की तलाश कर सकता है। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी संख्या में सहायक इकाईयों को विकसित करने में मदद मिलेगी।
श्री गडकरी ने सीआईआई से सड़कों के बीमा के लिए एक प्रस्ताव का मसौदा तैयार करने को कहा, जो बैंक गारंटी (बीजी) की जरूरत को खत्म कर देगा। इससे सड़क परियोजनाओं के वित्तीय समापन और वित्त पोषण में तेजी आएगी, जिससे परियोजनाएं तेजी से पूरी होंगी। उन्होंने विस्तृत रूप से बताया कि कैसे देश में सड़कों का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और प्रस्तावित 22 नई ग्रीन एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं से इसमें और अधिक सुधार होगा।