केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री और जहाज़रानी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनसुख मंडाविया ने आज रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (आरएफसीएल) की शुरू होने वाली यूरिया इकाई का दौरा किया और कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ परियोजना की प्रगति की समीक्षा की।
इस अवसर पर श्री मंडाविया के साथ गृह राज्य मंत्री श्री किशन रेड्डी, अतिरिक्त सचिव-उर्वरक श्री धर्मपाल, आरएफसीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री निरलेप सिंह राय और परियोजना स्थल कार्यकारी निदेशक- श्री राजन थापर भी मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान श्री मंडाविया ने मुख्य नियंत्रण कक्ष जैसी संयंत्र इकाइयों का दौरा किया, जहां आरएफसीएल के अधिकारियों ने उनको नीम कोटेड यूरिया के निर्माण की प्रक्रिया के बारे में बताया। इसके बाद उन्होंने रिफ़ार्मर और बैगिंग प्लांट का दौरा किया।
श्री मंडाविया ने एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता भी की जिसमें आरएफसीएल के अधिकारियों ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से उन्हें संयंत्र की प्रगति से अवगत कराया। इस बैठक में गृह राज्य मंत्री श्री किशन रेड्डी, अतिरिक्त सचिव-उर्वरक श्री धर्मपाल सहित आरएफसीएल तथा ईआईएल के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
बैठक के दौरान आरएफसीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री निरलेप सिंह राय ने केंद्रीय राज्य मंत्री को परियोजना के विभिन्न कार्यों की प्रगति के बारे में जानकारी दी और कहा कि यह परियोजना 99 प्रतिशत से अधिक पूरी हो चुकी है। श्री मंडाविया को यह भी बताया गया कि लॉकडाउन के दौरान संयंत्र का काम कुछ समय के लिए ठप्प हो गया था, लेकिन 03 मई से यहां काम फिर से शुरू हो गया। श्री सिंह ने कहा कि कार्यस्थल पर श्रमिकों की उपलब्धता न होने से कुछ समस्या पैदा हुई है, लेकिन प्रबंधन ने कई अहम कदम उठाए हैं। अनुबंध श्रमिकों को मुफ्त भोजन और आवास प्रदान करके इस समस्या को दूर करने के प्रयास किए गए। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान भी उन्हें भुगतान किया गया था।
श्री मंडाविया ने आरएफसीएल द्वारा श्रमिकों के जीवन को खतरे में डाले बिना लॉकडाउन के दौरान और बाद में किए गए कार्यों की सराहना की।
इस अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए श्री मंडाविया ने कहा कि पांच उर्वरक इकाइयों को पुनर्जीवित करके यूरिया के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ाने तथा आयात को कम करने से यूरिया क्षेत्र में आत्मनिर्भरता आएगी। उन्होंने यह भी दोहराया कि आरएफसीएल यूरिया संयंत्र के चालू होने के बाद तेलंगाना राज्य में किसानों की यूरिया आवश्यकता को पूरा किया जा सकेगा।
श्री मंडाविया ने विश्वास व्यक्त किया कि संयंत्र समय पर चालू हो जाएगा और 2 महीने में ही यहां नीम लेपित यूरिया का उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि आरएफसीएल संयंत्र स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा और तेलंगाना की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा।
तेलंगाना के रामागुंडम में आरएफसीएल की इस गैस आधारित यूरिया इकाई 12.7 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष उत्पादन की क्षमता है। यह नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफ एल), इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) और फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एफसीआईएल) द्वारा प्रोत्साहित एक संयुक्त उद्यम है। इस परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 7 अगस्त 2016 को रखी थी।