नई दिल्ली: भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू फ्रांस गणराज्य की सरकार के निमंत्रण पर 9 से 11 नवंबर 2018 तक पेरिस दौरे पर जाएंगे। वह प्रथम विश्वयुद्ध की समाप्ति के शताब्दी वर्ष पर आयोजित कार्यक्रमों में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे।
प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान सबसे अधिक सैनिकों का योगदान करने वालों में भारत भी शामिल था। आर्मिस्टिस सेंटेनेरी समारोह में भारत की भागीदारी वैश्विक शांति एवं सुरक्षा में भारत के ऐतिहासिक योगदान को रेखांकित करते हुए उन सैनिकों द्वारा किए गए बलिदानों के लिए उचित श्रद्धांजलि होगी।
इस शताब्दी समारोह पर आयोजित कार्यक्रमों में 50 से अधिक देशों के राज्य प्रमुखों/ सरकार प्रमुखों और उनके प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है। उपराष्ट्रपति 11 नवंबर को आर्क डि ट्रायम्फे पर फ्रांस के राष्ट्रपति श्री इमानुअल मैक्रॉन की अध्यक्षता में आयोजित प्रथम विश्वयुद्ध की समाप्ति के शताब्दी समारोह में भाग लेंगे।
आर्मिस्टिस सेंटेनेरी के हिस्से के तौर पर फ्रांस सरकार पेरिस पीस फोरम की मेजबानी भी करेगी जिसका आयोजन पेरिस में 11-13 नवंबर 2018 के दौरान होगा।
पेरिस पीस फोरम का उद्देश्य बहुपक्षवाद, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और वैश्विक शासन संस्थानों में सुधार के महत्व की पुष्टि करने के लिए एक वैश्विक मंच स्थापित करना है।
नागरिक समाज की पहल पर विशेष जोर देते हुए चर्चा एवं परिचर्चा करने, अनुभव साझा करने और शासन में शामिल सभी हितधारकों के लिए नवोन्मेषी समाधान तलाशने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
इस फोरम की परिकल्पना पांच प्रमुख क्षेत्रों- शांति एवं सुरक्षा, पर्यावरण, विकास, नई प्रौद्योगिकी एवं समावेशी अर्थव्यवस्था- में शासन संबंधी समाधान को बढ़ावा देने के लिए हर साल आयोजित होने वाले वार्षिक कार्यक्रम के तौर पर की गई है। उपराष्ट्रपति ‘डायलॉग ऑफ द कंटीनेंट्स ऑन ग्लोबल गवर्नेंस’ विषय पर आयोजित उच्चस्तरीय पैनल परिचर्चा को संबोधित करेंगे।
उपराष्ट्रपति 9 नवंबर 2018 को भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे और 10 नवंबर 2018 को विलेर्स गुइस्लेन में इंडियन वार मेमोरियल का उद्घाटन करेंगे। भारत ने प्रथम विश्वयुद्ध में फ्रांस की स्वतंत्रता के लिए अविभाजित भारत के सैनिकों के योगदान को उजागर करने के लिए पेरिस से करीब 200 किलोमीटर दूर विलेर्स गुइस्लेन शहर में इस युद्ध स्मारक का निर्माण किया है।
बाद में, उपराष्ट्रपति महापौर कार्यालय के पीछे ‘द मैरी हॉल’ में एक स्वागत समारोह में भाग लेंगे। श्री नायडू प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों की भूमिका को प्रदर्शित करने के लिए इंडियन वार मेमोरियल में आयोजित एक प्रदर्शनी को भी देखेंगे।
पेरिस पीस फोरम के दौरान वह कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। अपनी फ्रांस यात्रा पूरी करने के बाद उपराष्ट्रपति 12 नवंबर की सुबह नई दिल्ली लौट आएंगे।