नई दिल्ली: इस्पात एवं खान मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने 07 जनवरी, 2016 को भुवनेश्वर में भारतीय खान ब्यूरो के भुवनेश्वर क्षेत्रीय कार्यालय की
इमारत का उद्घाटन किया। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्द्र प्रधान, ओडिशा सरकार के इस्पात एवं खान राज्य मंत्री श्री प्रफुल्ल कुमार मलिक, भुवनेश्वर के सांसद डॉ. (प्रो.) प्रसन्ना पतसानी, केंद्रीय खान सचिव श्री बलविंदर कुमार और भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) के महानियंत्रक श्री रंजन कुमार सिन्हा की मौजूदगी में इस कार्यालय का उद्घाटन किया गया।
श्री तोमर ने परंपरागत दीप को प्रज्ज्वलित कर और पत्थर पट्टिका का अनावरण कर आईबीएम की कार्यालय इमारत को राष्ट्र को समर्पित किया। आईबीएम के महानियंत्रक (सीजी) श्री रंजन कुमार सिन्हा ने इस अवसर पर आये गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने भुवनेश्वर में क्षेत्रीय कार्यालय इमारत का उद्घाटन करते हुए कहा कि ओडिशा की जनता की अपेक्षाओं को अब आईबीएम द्वारा पूरा किया जायेगा, क्योंकि अब उनका भुवनेश्वर में अपना स्थायी प्रतिष्ठान हो गया है। उन्होंने कहा कि ओडिशा अपनी खनिज संपदा के लिए जाना जाता है। श्री तोमर का यह भी कहना है कि आईबीएम को किसी भी तरह की अवैध गतिविधि पर निश्चित रूप से अंकुश लगाना चाहिए। श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार निम्नलिखित को सुनिश्चित करने के प्रति कटिबद्ध है:
· पारदर्शिता,
· मेक इन इंडिया
· रोजगार सृजन, और
· गरीबों और उत्पीडि़त लोगों का उत्थान
इस दिशा में एमएमडीआर को संशोधित किया गया है, ताकि खनन पट्टों की आवंटन प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी बनाया जा सके। अनेक राज्य सरकारों ने नीलामी के लिए अपने-अपने राज्यों में खनिज ब्लॉकों को अधिसूचित किया है। नये अधिनियम में इस बात का उल्लेख किया गया है कि राज्य सरकार खनन पट्टों का आवंटन कर सकती है और केंद्र सरकार को आवंटन से जुड़े मुद्दों में हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) उत्थान से जुड़े कार्यों का महज एक छोटा हिस्सा है, जबकि संशोधित एमएमडीआर अधिनियम में उल्लिखित जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) स्थानीय क्षेत्रों में उत्थान से जुड़ी अहम योजना है। डीएमएफ में अनुमानित 6000 करोड़ रूपये की राशि आयेगी और हर जिला कलेक्टर के स्तर पर गठित किया गया फाउंडेशन विकास संबंधी आवश्यकताओं पर गौर करेगा, जिससे यह साबित होगा कि डीएमएफ एक क्रांतिकारी कदम है। श्री तोमर ने कहा कि खनन क्षेत्र में व्यापक अनुसंधान की अभी भी सख्त जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि आईबीएम खनन क्षेत्र में व्यापक अनुसंधान कर रहा है और अपनी गतिविधियों के फलस्वरूप अनेक कागजात एवं बुलेटिन प्रकाशित कर रहा है। आईबीएम यह सुनिश्चित करता है कि कानूनी ढांचे के भीतर ही खनन कार्य पूरे किये जायें।
इस अवसर पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि ओडिशा राज्य को मुख्यत: खनन कार्यों से राजस्व हासिल होता है, अत: एक बेहतर खनन विभाग के बिना ओडिशा राज्य में राजस्व का कोई नियमन नहीं हो सकता। श्री प्रधान ने कहा कि खान मंत्री ने संशोधित एमएमडीआर सुनिश्चित किया है और खनन पट्टों के आवंटन में काफी पारदर्शिता है।