रेल और वाणिज्य एवं उद्योग व उपभोक्ता कार्य और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज ई मार्केटप्लेस (जीईएम) का आह्वान किया कि वह अपना विस्तार करे और उत्पादों तथा सेवाओं की सार्वजनिक खरीद के लिए अपने पोर्टल पर ज्यादा से ज्यादा भागीदारों को शामिल करें। जीईएम और वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ चर्चा में उन्होंने कहा कि इसे सिर्फ सभी केन्द्र और राज्य सरकारों के कार्यालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों के लिए ही वन स्टेप शॉप की तरह नहीं उभरना चाहिए बल्कि लघु और मंझौले उद्योगों को भी अपने उत्पादों को शोकेस करने का अवसर देना चाहिए। जीईएम के पूरी तरह कागज़ रहित, नकद रहित और ऐसा प्रणाली चालित ई मार्केटप्लेस बनने के लिए उसकी सराहना करते हुए, जहां समान उपयोग वाले उत्पादों और सेवाओं की खरीद बिना आमने सामने आए की जा सकती है, श्री गोयल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री को इस पोर्टल से बहुत उम्मीदें हैं और इस पोर्टल को उन उम्मीदों पर खरा उतरना होगा। उन्होंने कहा कि पोर्टल को विक्रेताओं की गुटबंदी के प्रति सावधान रहना होगा।
श्री गोयल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि जीईएम को रेलवे की ई खरीद प्रणाली से जोड़कर खरीददीरों के लिए एक एकीकृत खरीद व्यवस्था तैयार करने का काम तेजी से पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे सार्वजनिक कोष में काफी बचत हो सकेगी। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि यह पैट्रोलियम और इस्पात क्षेत्रों के लिए बड़े स्तर की खरीद (बिग टिकट प्रोक्योरमेंट) का रास्ता भी प्रशस्त करेगा। एकीकृत व्यवस्था के ज़रिए रेलवे के क्रेताओं की शुरूआती बोली अगस्त के अंत तक शुरू हो जाएगी। उपरोक्त एकीकरण के बाद रेलवे द्वारा जीईएम पर लगभग 50,000 करोड़ रुपये की वार्षिक खरीद की जा सकती है।
जीईएम के पैमाने और प्रभाव में तेजी से वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2020-21 में इसकी ऑर्डर वैल्यू 38620 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। पोर्टल पर 52 हजार से अधिक खरीदार और 18.75 लाख से अधिक विक्रेता पंजीकृत हैं, जो 16,332 उत्पाद कैटलॉग और 187 सेवा कैटलॉग में काम कर रहे हैं। जीईएम विशेष रूप से “वस्तुओं” और “सेवाओं” के लिए राष्ट्रीय खरीद पोर्टल के रूप में शुरू हुआ, लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 के बजट भाषण में तय दृष्टिकोण के अनुसार, जीईएम वस्तुओं और सेवाओं के लिए “एकीकृत खरीद प्रणाली” और “कार्य अनुबंध” बनने की ओर बढ़ रहा है।
जीईएम ने कई कोविड-19 संबंधित पहलें भी की हैं, जिसमें श्रेणियों के लिए उत्पादों / ब्रांड अनुमोदन को प्राथमिकता देना शामिल है। मूल सुपुर्दगी अवधि की समाप्ति से 30 दिनों तक सुपुर्दगी अवधि का विस्तार किया गया है। बोली की अवधि 10 दिन से घटाकर 1 दिन कर दी गई है, और डिलिवरी की अवधि 15 दिन से घटाकर 2 दिन कर दी गई है। मार्च’20 से मई’21 तक कोविड -19 श्रेणियों में ऑर्डर मूल्य 7863 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें 268 करोड़ रुपये के ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर शामिल हैं।
खरीदारों और विक्रेताओं दोनों की प्रतिक्रिया के आधार पर कई नई सुविधाएँ और कार्यप्रणालियाँ शुरू की गई हैं:
- कस्टम आइटम बोली-प्रक्रिया, बीओक्यू-आधारित बोली-प्रक्रिया, क्षमता आधारित बोली-प्रक्रिया सहित विभिन्न नए बोली-प्रक्रिया प्रारूप
- प्राइस वेरिएशन क्लॉज (पीवीसी) के साथ अनुबंधों का प्रावधान
- माइलस्टोन आधारित भुगतानों के साथ स्थापना, कमीशनिंग, प्रशिक्षण और एएमसी/सीएमसी की खरीद
- मांग एकत्रीकरण
- विक्रेता प्रतिनिधित्व, तकनीकी स्पष्टीकरण और चुनौती अस्वीकृति विंडो शुरू की गई है
- विलंबित भुगतान के लिए खरीदारों पर ब्याज दंड लगाना शुरू हुआ है
- संशोधित विक्रेता रेटिंग प्रणाली शुरू हुई है