केन्द्रीय वाणिज्य, उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री, श्री पीयूष गोयल ने डीपीआईआईटी की पहल ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) में हुई प्रगति की समीक्षा की। इस बैठक में डीपीआईआईटी सचिव श्री अनुराग जैन तथा ओएनडीसी की सलाहकार परिषद के सदस्य एवं सीईओ, एनएचए, श्री आर.एस. शर्मा, क्यूसीआई के अध्यक्ष श्री आदिल जैनुलभाई, एनपीसीआई के प्रबंध निदेशक और सीईओ श्री दिलीप असबे, एनएसडीएल-ई गोव के महानिदेशक और सीईओ श्री सुरेश सेठी, आरएआई के सीईओ श्री कुमार राजगोपालन, माई गोव के संस्थापक श्री अरविन्द गुप्ता, और अवाना कैपिटल की सुश्री अंजलि बंसल भी शामिल हुए।
श्री गोयल को इस परियोजना में हुई महत्वपूर्ण प्रगति के बारे में अवगत कराया गया। क्यूसीआई ने इस परियोजना का मिशन मोड में निष्पादन के लिए विशेषज्ञों की एक टीम की स्थापना की है। ओएनडीसी टीम की सहायता के लिए स्वयंसेवकों के रूप में अनेक लघु और मध्यम उद्यमों को शामिल किया गया है। एक ओएनडीसी गेटवे भी स्थापित किया गया है। सभी नेटवर्क घटकों को कवर करने वाली लगभग 20 संस्थाएं भी इसमें शामिल होने के विभिन्न चरणों में हैं। डीपीआईआईटी ने इस परियोजना के प्रारंभिक कार्य के लिए लगभग 10 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है।
एक निजी क्षेत्र के नेतृत्व वाली गैर-लाभकारी कंपनी स्थापित करने का भी सुझाव दिया गया है। इस संस्था से जनसंख्या पैमाने के कार्यान्वयन के लिए एक स्टार्ट-अप मानसिकता प्रदान करने की उम्मीद है, जो भविष्य की दृष्टि के साथ-साथ प्रबंधन में सक्षम हो और इसके नेतृत्व को वाणिज्य की गहरी समझ हो, अति आधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ सहज हो और उसके पास परिवर्तन करने के लिए मिशनरी दृष्टिकोण हो। एक गैर-लाभकारी कंपनी संरचना लाभ को अधिकतम करने के अभियान के लिए मालिकों को किसी भी प्रकार का प्रोत्साहन देने से रोकती है और विश्वास, शासन के कठोर मानदंड, जवाबदेही और पारदर्शिता प्रदान करते हुए नैतिक और जिम्मेदार व्यवहार पर ध्यान केन्द्रित करती है।
इस संस्था की भूमिका सक्षम प्रौद्योगिकी को अपनाने, उसके निर्माण द्वारा नेटवर्क विकसित करने एवं इको-सिस्टम दिग्गजों द्वारा व्यापक पैमाने पर स्वैच्छिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने की होगी। यह उपभोक्ता संरक्षण, निष्पक्ष व्यापार और नियामक अनुरूपता के सिद्धांतों पर आधारित आचार संहिता और नेटवर्क के नियमों की स्थापना करके नेटवर्क अनुशासन को सुनिश्चित करेगी। यह संस्था नेटवर्क के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचा, सामान्य रजिस्ट्री, प्रतिभागियों और प्रमाणन एजेंसियों का प्रमाणन, शिकायत निवारण, जैसे नेटवर्क के प्रबंधन के लिए बुनियादी सेवाएं भी उपलब्ध कराएगी। यह संस्था खरीदारों, विक्रेताओं और बाजार सक्रियता के प्रवेश द्वार के लिए संदर्भ अनुप्रयोगों का विकास और संचालन करेगी। इसके अलावा, भागीदार संस्थाओं के साथ नेटवर्क को आवश्यक जानकारी से लैस करेगी। यह मौजूदा सॉफ्टवेयर अनुप्रयोगों को नेटवर्क के अनुकूल बनाने में सहायता प्रदान करने के लिए रेडीमेड टूल विकसित करके उनके डिजिटल परिवर्तन में एसएमई की मदद करेगी।
इस बैठक में भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, नाबार्ड, सिडबी, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, एनएसडीएल, सीडीएसएल, एनएसई और बीएसई के वरिष्ठ प्रतिनिधियों सहित संभावित प्रमोटरों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
श्री गोयल ने इस नेटवर्क में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए और इस नेटवर्क को जल्दी वास्तविकता प्रदान करने के लिए समय-सीमा को कम करने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने निर्देश दिया कि इको-सिस्टम से व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए और संस्थागत संरचना इस तरह से तैयार की जानी चाहिए जिससे यह सुनिश्चित हो कि संस्था नैतिक, सहकारी, लोकतांत्रिक और जिम्मेदार तरीके से आचरण करे। उन्होंने यह निर्देश दिया कि ओएनडीसी नेटवर्क में विश्वास स्थापित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए और विवाद समाधान के लिए विस्तृत तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए।