18.5 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

श्री राधा मोहन सिंह वर्ष 2012-13 के लिए पादप जीनोम रक्षक समुदाय पुरस्‍कार 24 अगस्‍त, 2016 को प्रदान करेंगे

देश-विदेश

नई दिल्‍ली: नई दिल्‍ली स्थित पीपीवी एंड एफआर प्राधिकरण 24 अगस्‍त, 2016 को अपराहन 3 बजे से नई दिल्‍ली के डीपीएस मार्ग स्थित ए.पी. शिंदे सिंपोजियम हॉल के एनएएससी कॉम्‍प्‍लेक्‍स में अपना पादप जीनोम रक्षक समुदाय पुरस्‍कार (2012-13), पादप जीनोम रक्षक किसान पुरस्‍कार 2013 और पादप जीनोम रक्षक किसान मान्‍यता 2013 समारोह आयोजित करने जा रहा है। इस अवसर पर केन्‍द्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह मुख्‍य अतिथि होंगे और वह पुरस्‍कार विजेताओं को पुरस्‍कार प्रदान करेंगे। कृषि एवं किसान कल्‍याण और संसदीय कार्य राज्‍य मंत्री श्री एस.एस. अहलूवालिया, कृषि एवं किसान कल्‍याण और पंचायती राज राज्‍य मंत्री श्री पुरुषोत्‍तम रूपाला और कृषि एवं किसान कल्‍याण राज्‍य मंत्री श्री सुदर्शन भगत भी इस अवसर पर उपस्थित होंगे।

भारत ने पौधों की विभिन्‍न किस्‍मों, किसानों एवं पौध प्रजनकों के अधिकारों के संरक्षण और पौधों की नई किस्‍मों के विकास को प्रोत्‍साहित करने के लिए वर्ष 2001 में पौध किस्‍मों एवं किसान अधिकारों का संरक्षण अधिनियम बनाया था। यह अपनी तरह का पहला ऐसा अधिनियम है, जो नई, वर्तमान और किसानों की विभिन्‍न पौध किस्‍मों का सरंक्षण करते हुए न केवल पौध प्रजनकों, बल्कि किसानों को भी बौद्धिक संपदा अधिकार प्रदान करता है।

पौध किस्‍मों एवं किसान अधिकारों के संरक्षण के लिए प्राधिकरण की स्‍थापना इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप ही नवम्‍बर, 2005 में नई दिल्‍ली में की गई थी। इस प्राधिकरण ने पिछले 10 वर्षों में उल्‍लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। वर्ष 2007 में 12 फसल प्रजातियों के साथ प्राधिकरण ने पौध किस्‍मों के पंजीकरण की शुरुआत की थी और आईपीआर प्रदान करने के लिए पीपीवी एंड एफआरए के छत्र तले अब 114 फसल प्रजातियों को कवर किया गया है। राज्‍य कृषि विश्‍वविद्यालयों (एसएयू), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान केन्‍द्र (सीएसआईआर) और अन्य प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थानों में लगभग 78 विशिष्टता, एकरूपता और स्थिरता (डीयूएस) परीक्षण केन्द्र खोले गए हैं। पंजीकरण के लिए अब तक प्राप्‍त 12351 आवेदनों में से आधे किसानों की पौध किस्‍मों के लिए हैं। कुल मिलाकर 2290 पंजीकरण प्रमाण पत्रों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 1441 प्रमाण पत्रों को पिछले ढाई वर्षों में मंजूरी दी गई है। किसानों की पौध किस्‍मों के पंजीकरण के संदर्भ में कुल मिलाकर 852 प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं, जिनमें से 800 प्रमाण पत्र पिछले ढाई वर्षों में जारी किये गये हैं। बारहमासी फसलों के जीन के संरक्षण के उद्देश्‍य से पंजीकृत किस्‍मों के बीजों के संरक्षण के लिए राष्‍ट्रीय जीन बैंक और फील्‍ड जीन बैंक राज्‍य कृषि विश्‍वविद्यालयों में स्‍थापित किये गये हैं।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More