नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) को आश्वस्त किया कि उनके बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षण को उन्नत बनाया जाएगा। आज यहां 52 स्पेशल एक्शन ग्रुप के परिसर का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि एनएसजी को मित्र देशों के अपने समकक्ष बलों के साथ नियमति अभ्यास करना चाहिए। इन अभ्यासों से एनएसजी को अपनी कुशलता बढ़ाने में मिलने वाली सहायता का उल्लेख करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज कोई भी विकसित देश आतंकी हमलों से अछूता नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि सभी प्रगतिशील समाजों को आतंकवाद के विरुद्ध खड़ा होना होगा।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एनएसजी आतंकवाद का मुकाबला करने वाला एक शानदार बल है और भारत के नागरिकों को उस पर पूरा विश्वास है। उन्होंने कहा कि जनवरी, 2016 में जब पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला हुआ था तो उस समय सुरक्षा बलों ने महत्वपूर्ण रणनीतिक परिसंपत्तियों और प्रतिस्थापनाओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचने दिया था।
गृहमंत्री ने कहा कि 1984 में जब एनएसजी की स्थापना हुई थी, तो उस समय से लेकर अब तक देश सेवा करते हुए एनएसजी के 19 कर्मियों ने अपना बलिदान दिया है। उन्होंने एनएसजी का आह्वान किया कि वह शहीद कर्मियों की याद में उनकी जीवनी से संबंधित पुस्तिका का प्रकाशन करे ताकि युवाओं को प्रेरणा मिल सके। उन्होंने कहा कि एनएसजी को शहीदों की याद में शहीद दिवस मनाना चाहिए और उस अवसर पर कम से कम एक एनएसजी अधिकारी शहीदों के परिवार से मिले तथा उनके घरों में जनता की भागीदारी के साथ कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। गृहमंत्री ने आश्वासन दिया कि एनएसजी कर्मियों के लिए और पदक शुरू किए जायेंगे।
इसके पूर्व एनएसजी के महानिदेशक श्री आर. सी. तायल ने कहा कि यह राज्य पुलिस बलों ने अपनी-अपनी विशेष आतंकवाद विरोधी इकाईयां स्थापित की हैं। उन्होंने बताया कि एनएसजी इन इकाईयों के साथ नियमित अभ्यास करती है।