नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज जांच एजेंसियों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दो दिवसीय सम्मेलन को पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) द्वारा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के साथ समन्वय में आयोजित किया जा रहा है।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जांच एजेंसियों को पारंपरिक और आधुनिक अपराधों की जांच में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में इन चुनौतियों तथा इनसे निपटने के तरीकों के बारे में विचार-विमर्श करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जाहिर कि इस सम्मेलन में विशेष रूप से आर्थिक और संगठित अपराध तथा संबंधित कानूनी मुद्दों के लिए जांच की गुणवत्ता सुधार करने के तरीकों के बारे में भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
गृह मंत्री ने कहा कि अपराध एक ऐसा कृत्य है जो विकृत मन के व्यक्तियों द्वारा या प्रतिकूल परिस्थितियों में किन्हीं व्यक्तियों द्वारा किया जाता है। लेकिन चाहे अपराध किसी भी परिस्थिति में क्यों न किया जाए उसे सभ्य समाज द्वारा वैध नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा कि अपराध नियंत्रण में बुनियादी रूप से दो आयाम हैं जिनमें रोकथाम और जांच शामिल है। रोकथाम सबसे अच्छा उपाय है क्योंकि इसमें अपराध को शुरूआत में ही रोका जा सकता है। एक बार अपराध हो जान के बाद जांच की गुणवत्ता ही वह आधार है जिसपर अभिज्ञान आधारित होता है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अपराध अधिकार ब्यूरो के अनुसार अपराधों में सजा मिलने की दर बहुत कम है। इसका कारण यह है कि पीड़ित को न्याय और अपराधी को सजा दिलाने के लिए जांच की गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पुलिस स्टेशन स्तर पर जांच में सुधार लाने के बारे में विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके अलावा हमें पीड़ितों और गवाहों की उचित सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके अलावा पीड़ितों को समय-समय पर जांच में हुई प्रगति के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने जांच की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए अनेक उपाए किए है।
वैज्ञानिक जांच में सुधार लाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत चंडीगढ़, हैदराबाद और कोलकाता में स्थित तीन केन्द्रीय अपराध विज्ञान प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण और उन्नयन तथा पूना, भोपाल और गुवाहाटी में तीन नई केन्द्रीय अपराध विज्ञान प्रयोगशालाएं स्थापित करने पर 279.90 करोड़ रुपए खर्च कर रही है।
इस सम्मेलन में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए के महानिदेशक श्री शरद कुमार, सीएपीएफ के महानिदेशक, राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों, सीपीओ के पूर्व महानिदेशक और पुलिस महानिदेशक तथा राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के अपराधशाखाओं/एटीएस, आर्थिक अपराध विंग/एसटीएफ के प्रमुख भी भाग ले रहे हैं।