नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज प्रात: कानपुर के पास पटना-इंदौर एक्सप्रेस के पटरी से उतर जाने के कारण हुई जनहानि पर गहरा दुख व्यक्त किया है। यह घटना कानपुर से करीब 60 किलोमीटर दूर प्रात: 3 बजकर 10 मिनट पर पुखरायां नामक स्थान पर हुई।
इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उनकी संवेदना शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। इससे पूर्व दिन में, श्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक से वार्ता की और एनडीआरएफ के दलों को शीघ्र पुखरायां भेजने के निर्देश दिए।
एनडीआरएफ की 5 खोज और बचाव टीमें कानपुर के लिए भेजी गयी हैं। दुर्घटना की जानकारी मिलते ही 35 कर्मियों के एनडीआरएफ के 1 बचाव और खोज दल को लखनऊ के क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केन्द्र (आरआरसी) से प्रात: 5 बजकर 30 मिनट पर रवाना कर दिया गया और इस दल ने सुबह 8 बजकर 10 मिनट पर घटनास्थल पहुँचकर 8 बजकर 15 मिनट पर खोज और बचाव अभियान प्रारंभ कर दिया। इसके अलावा बनारस के एनडीआरएफ बेस से भी 79 कर्मियों की टीमों को सुबह 530 बजे रवाना कर दिया गया। बचाव अभियान में तेजी लाने के लिए 75 कर्मियों की 2 अतिरिक्त टीमों को सुबह 10 बजकर 01 मिनट पर गाजियाबाद स्थित हिंडनबेस से एयरबेस से वायुमार्ग के माध्यम से 11 बजकर 05 मिनट पर घटनास्थल पर पहुँचा दिया गया। एनडीआरएफ की टीम में अत्याधुनिक आपदा प्रबंधन उपकरणों और चिकित्सा घटक के साथ प्रशिक्षित कार्मिक शामिल हैं।
पीड़ितों के डिब्बों के अंदर फंसे होने के कारण, राहत और बचाव कार्य विशेष देखभाल और अत्यंत सावधानी के साथ किया जा रहा है। एनडीआरएफ कार्मिक नवीनतम आपदा प्रबंधन उपकरणों की सहायता से डिब्बों में फंसे पीड़ितों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। अब तक, एनडीआरएफ कार्मिक रेल डिब्बों से 16 बुरी तरह से फंसे यात्रियों सहित 53 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल चुके हैं। राहत और बचाव अभियान अभी भी जारी है। आवश्यकता होने पर कुछ अतिरिक्त दलों को भी तैयार रखा गया है।
बचाव अभियान की निगरानी के लिए, दिल्ली में एनडीआरएफ के महानिदेशक श्री आर.के पंचनंदा आज प्रात: ही घटनास्थल पर रवाना हो गये थे।
एनडीआरएफ का एक 24×7 नियंत्रण कक्ष किसी भी स्थिति से निपटने के लिए निरंतर निगरानी कर रहा है और रेल अधिकारियों एवं स्थानीय नागरिक प्रशासन के साथ संपर्क बनाए हुए है।