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श्री राजनाथ सिंह कहा कि एक सुरक्षित क्षेत्र एससीओ के लिए साझा रूप में हितकारी है

देश-विदेश

श्री राजनाथ सिंह के संबोधन की मुख्य विशेषताएं:

➡️ एससीओ ने 20 साल पूरे किए; एक सुरक्षित क्षेत्र बनाना साझा ज़िम्मेदारी

➡️ भारत ने अफगानिस्तान में 500 परियोजनाएं पूरी कीं; 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता दी

➡️ मानवता के खिलाफ अपराध आतंकवाद के साथ शांति और समृद्धि नहीं रह सकती

➡️ जल सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन जैसे गैर-पारंपरिक खतरे कोविड-19 महामारी की तरह चुनौतियां हैं

➡️ भारतीय सशस्त्र बलों और डीआरडीओ ने कोविड -19 की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

➡️ भारत ने 90 करोड़ वयस्क आबादी का टीकाकरण करने और अन्य मित्र देशों की टीके के ज़रिए मदद का संकल्प लिया

➡️ 94 देशों और संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों को टीके की 6.6 करोड़ खुराक उपलब्ध कराई गई

➡️ ‘वंदे भारत’ सेवा ने विदेशियों सहित फंसे हुए 70 लाख से अधिक लोगों को संकट से बाहर निकालने में मदद की

➡️ भारत एससीओ के भीतर सुरक्षा डोमेन में विश्वासको मजबूत करने के साथ-साथ एससीओ भागीदारों के साथ संबंधों को मजबूत करने कोउच्च प्राथमिकता देता है

दिनांक 28 जुलाई, 2021 को ताजिकिस्तान के दुशांबे में शंघाईसहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति औरसुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है । उन्होंने कहा, “आतंकवाद का कोई भीकृत्य और इस तरह के कृत्यों को समर्थन, जिसमें सीमा पार आतंकवाद भी शामिलहै, किसी के द्वारा, कहीं भी और किसी भी मकसद से किया जाना मानवता के खिलाफअपराध है ।” रक्षा मंत्री ने आतंकवाद के सभी स्वरूपों से लड़ने के लिएभारत के संकल्प की फिर से पुष्टि की।

श्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा, “भारत एससीओ के भीतरसुरक्षा क्षेत्र में विश्वास को मजबूत करने के साथ-साथ समानता, आपसी सम्मानऔर समझ के आधार पर द्विपक्षीय रूप से एससीओ भागीदारों के साथ संबंधों कोमजबूत करने को उच्च प्राथमिकता देता है ।” उन्होंने कहा कि आज चुनौती केवलअवधारणाओं और मानदंडों की नहीं है, बल्कि उनको ईमानदारी से अमलीजामा पहनानेकी भी है।

रक्षा मंत्री ने एससीओ वजूद के 20 साल सफलतापूर्वक पूरे होनेपर सदस्य-देशों को बधाई दी । उन्होंने कहा कि हालांकि भारत 2017 में संगठनमें शामिल हुआ किंतु ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध और भौगोलिक संपर्क भारत कोएससीओ से अविभाज्य बनाते हैं।

क्षेत्रीय समूह के महत्व पर जोर देते हुए, श्री राजनाथ सिंहने कहा, “एससीओ देशों में एक साथ मिलकर हमारी पृथ्वी की लगभग आधी मानवआबादी रहती है । भूगोल के दृष्टिकोण से यह यूरेशियन महाद्वीप के लगभग तीनबटे पांच हिस्से को कवर करता है । इसलिए हमारे पास एक सुरक्षित और स्थिरक्षेत्र बनाने के लिए सामूहिक हित हैं जो कि हमारे लोगों और आने वालीपीढ़ियों के मानव विकास सूचकांकों की प्रगति और सुधार में योगदान देता है। उन्होंने कहा कि भारत इसी भावना से प्रेरित होकर अफगानिस्तान के लोगोंकी मदद करता है, जो दशकों से हिंसा और तबाही का सामना कर रहा है। अब तकभारत ने अफगानिस्तान में 500 परियोजनाएं पूरी की हैं और 3 बिलियन अमेरिकीडॉलर की कुल विकास सहायता के साथ कुछ और परियोजनाओं को जारी रखे है।

भारत की भू-रणनीतिक स्थिति के बारे में बताते हुए जो इसकोयूरेशियन ज़मीन की शक्ति और साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक हितधारकबनाता है, रक्षा मंत्री ने कहा, “इसलिए हमारा इरादा और आकांक्षाएं पूरेक्षेत्र की समृद्धि और विकास की ओर केंद्रित हैं। हम क्षेत्र में सभी केलिए सुरक्षा और विकास की हमारी राष्ट्रीय नीति के माध्यम से इस इरादे कीपुष्टि करें जिसे आमतौर पर संक्षिप्त नाम ‘सागर’ से जाना जाता है।”उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा और स्थिरता देशों की प्रगति और आर्थिक विकासके लिए अनुकूल वातावरण बनाने के सबसे आवश्यक घटक हैं ।

एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर क्षेत्र बनाने और बनाए हुएरखने में मदद करने के लिए एससीओ ढांचे के भीतर काम करने के लिए भारत केसंकल्प को दोहराते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत एससीओ सदस्य-देशोंके साथ साझेदारी करने की प्रतिबद्धताओं को दोहराता है ताकि व्यक्तिगतराष्ट्रीय संवेदनशीलता का सम्मान करने वाली संयुक्त संस्थागत क्षमता विकसितकी जा सके और इसके बीच भी लोगों, समाजों और देशों के बीच संपर्क, सहयोग औरकनेक्टिविटी की भावना पैदा हो पाए।”

कोविड -19 महामारी का उल्लेख करते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा, “इसने राष्ट्रों, नागरिक समाजों तथा नागरिकों को कई तरह से प्रभावित कियाहै। यह इस बात की चेतावनी का संकेत है कि महामारी, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, जल सुरक्षा और संबंधित सामाजिक व्यवधान जैसी गैर-पारंपरिकसुरक्षा चुनौतियां राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जगत को कैसे प्रभावित करसकती हैं।”

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सशस्त्र बलों और रक्षा अनुसंधानएवं विकास संगठन ने कोविड-19 के खिलाफ प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिकानिभाई है । उन्होंने कहा, “… वैश्विक महामारी के दौरान भारत दुनिया भरके देशों को सहायता प्रदान करने में सक्षम था । इसमें 90 देशों को टीकों की 6.6 करोड़ खुराक, 150 देशों को दवा, चिकित्सा सामग्रियों और उपकरणों केसाथ सहायता शामिल है । हम विदेशियों सहित 70 लाख से अधिक फंसे हुए लोगोंको स्थानांतरित करने के लिए बड़े पैमाने पर ज्यादातर हवाई मार्ग से लेकिन हिंद महासागर में हमारे जहाजों द्वारा भी संचालित ‘वंदे भारत’ सेवा का उल्लेख कर सकते हैं ।

रक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया, “भारत अगस्त और 2021 के अंत केबीच टीकों की 250 करोड़ से अधिक खुराक का उत्पादन करने की योजना बना रहाहै । हम कम से कम 90 करोड़ वयस्क भारतीयों का टीकाकरण करने और अन्य मित्रदेशों को वैक्सीन के साथ मदद करने के प्रति दृढ़ हैं ।”

रक्षा मंत्री ने सदस्य-राष्ट्रों से अपने समय की जरूरतों कोपूरा करने के लिए तैयार होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “कोई भीसंस्थान, चाहे कितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो, अपने निर्माण के समय जैसाही नहीं बना रह सकता है । एससीओ की अंतर्निहित ताकत इस तथ्य में निहित हैकि सदस्य देश अपनी गति से और संबंधित राष्ट्रीय नीतियों के अनुसार सहयोगकार्यक्रम में भाग लेते हैं । हमें खुशी है कि एससीओ वास्तव में महत्व केएक अंतरराष्ट्रीय संगठन के रूप में आगे बढ़ा है।” आज का आयोजन इस क्षेत्रमें स्थिरता और सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम है । उन्होंने कहा कि यह एससीओ प्रारूप के भीतर बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिएकाम करेगा ।

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