नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज ‘सहाकरी संघवादः राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य और अंतर्राष्ट्रीय अनुभव’ पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया।
उन्होंने कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया के अन्य क्षेत्रों में सफलतापूर्ण मामलों के अध्ययन के साथ सहकारी संघवाद के लिए अपने राष्ट्रीय लक्ष्यों को समृद्ध बनाना है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में विविधता में एकता है, जो इसके संघवादी ढांचे के सफलतापूर्वक संचालन में निहित है। उन्होंने कहा कि संघवाद भारत के लिए नया नहीं है। हालांकि अपने प्राथमिक स्वरूप में प्राचीन साम्राज्यों और साम्राटों ने अपने न्यायाधिकार क्षेत्रों के अंतर्गत व्यापक रूप से शासन करने के लिए इस व्यवस्था को स्थापित किया था। उन्होंन कहा कि भारतीय संविधान के निर्माताओं ने संघवाद के महत्वपूर्ण प्रकारों की सभी सर्वश्रेष्ठ विशेषताओं को समाहित करते हुए भारत को संघवाद का एक संयुक्त मॉडल प्रदान किया। भारतीय संविधान व्यापक रूप से संघीय सरकार और राज्यों दोनों के बीच सत्ता वितरण को स्पष्ट करता है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने सहकारी संघवाद को भावना को मजबूत बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नीति पहले की है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने एक अन्य महत्वपूर्ण पहल के तहत नीति आयोग की स्थापना की है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों को शामिल करने और केन्द्र सरकार की नीतियों के निर्माण में उनके साथ होने वाली नियमति वार्ता से केन्द्रीय राज्य नीति सहयोग को बेहतर बनाने में सहायता मिलेगी और योजनाओं को सही आकार और सही स्वरूप दिया जा सकता है।
मंत्री महोदय ने कहा कि एक मजबूत और महान भारत के लिए केन्द्र और राज्यों को मिलकर काम करना होगा। त्वरित आर्थिक विकास के लक्ष्य की वास्तविकता तब तक संभव नहीं जब तक हम सहयोग की भावना के साथ मिलकर कार्य न करे। उन्होंने कहा कि इसके लिए खाका तैयार किया जाना है और हमें संस्थानों और तंत्रों को मजबूत बनाने की आवश्यकता है, ताकि केन्द्र-राज्य संबंधों को बेहतर रूप से सक्षम बनाया जा सके।