केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. थावरचंद गहलोत की अध्यक्षता में 26 नवम्बर 2020 को वीडियो कॉफ्रेन्स के माध्यम से निशक्तता पर केन्द्रीय सलाहकार मंडल की चौथी बैठक आयोजित की गई। सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री और मंडल के उपाध्यक्ष कृष्ण पाल गुर्जर भी बैठक में उपस्थित थे।
केन्द्रीय सलाहकार मंडल ने निशक्तता से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण विषयों जैसे कि निशक्त जन अधिकार अधिनियम, 2016 के क्रियान्वयन, सुगम्य भारत अभियान, अनोखा निशक्तता पहचान पत्र, निशक्त बच्चों का शीघ्र उपचार और पुनर्वास, कोविड-19 के दौरान राज्यों/केन्द्र शासित क्षेत्रों द्वारा निशक्त जनों के संरक्षण और कल्याण के लिए किए गए उपायों, कोविड-19 के दौरान दिव्यांगजनों को एडीआईपी योजना के अन्तर्गत उपकरणों और सहायक यंत्रों का वितरण सुनिश्चित करना तथा निर्धारित मानदंड वाले निशक्तजनों के लिए आरक्षण के प्रावधान का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना।
मंडल की बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया गया, जैसे कि मध्य प्रदेश में मनो-सामाजिक निशक्तता से ग्रस्त व्यक्तियों के पुनर्वास तथा दिव्यांगजनों में खेलकूद गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान एवं सेन्टर फार डिसेबिलिटी स्पोर्टस की स्थापना।
केन्द्रीय सलाहकार मंडल ने राज्यों/केन्द्र शासित क्षे़त्रों से, यदि उन्होंने स्वतंत्र राज्य आयुक्तों की नियुक्ति और राज्य सलाहकार मंडल का गठन नहीं किया हो, तो शीघ्रता से इस दिशा में कदम उठाने का आग्रह किया। राज्यों/केन्द्र शासित क्षे़त्रों को कोविड-19 के दौरान दिव्यांगजनों के कल्याण की दिशा में की गयी सकारात्मक कार्रवाई पर विस्तृत रिपोर्ट भेजने का भी सुझाव दिया गया। मंडल ने सभी केंन्द्रीय मंत्रालयों/ विभागों को सुगम्य भारत अभियान के सेवा भाव के साथ क्रियान्वयन के लिए प्रभावी कदम उठाने की सलाह दी। उनसे अपने क्षेत्र/क्षेत्रों से संबंधित सुगम्य मानकों को मुख्य आयुक्त, निशक्तजन के साथ परामर्श कर छह महीने में अंतिम रूप देने तथा निशक्तजन अधिकारिता विभाग को अधिसूचना के लिए भेजने का अनुरोध किया है। बोर्ड द्वारा राज्यों/केन्द्र शासित क्षे़त्रों को निर्धारित निशक्तता वाले दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित पदों की जानकारी के पारदर्शिता के साथ अनुरक्षण के लिए ऑनलाइन प्रणाली बनाने का सुझाव भी दिया गया। साथ ही यदि पहले से लम्बित रिक्त पद हों, तो विशेष भर्ती अभियान चलाने का भी आग्रह किया गया।
लगभग 34 राज्यों/केन्द्र शासित क्षे़त्रों से निशक्त जन अधिकारिता से संबंधित मंत्री या उनके प्रतिनिधि, संबंधित केन्द्रीय मंत्रालय/ विभागों, राष्ट्रीय संस्थान और अन्य केन्द्रीय संगठनों के प्रतिनिधि तथा मंडल के गैर-शासकीय सदस्यों ने भी बैठक में भाग लिया।