नई दिल्ली: राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) ने आज शहरी विकास मंत्री श्री एम वैंकेया नायडू को 2015–16 के लिए 108 करोड़ रूपये का लाभांश चेक सौंपा।
पिछले कुछ वर्षों से लगातार कारोबार बढ़ाने और मुनाफा कमाने के लिए एनबीसीसी की सराहना करते हुए श्री नायडू ने कंपनी प्रबंधन से राज्य सरकारों और अन्य एजेंसियों के साथ साझेदारी बढ़ाकर अपने कारोबार का विस्तार करने और इसमें विविधता लाने को कहा। उन्होंने एनबीसीसी के गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी स्थापित करने की पहल का स्वागत किया। मंत्री महोदय ने प्रबंधन को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा हाल ही मंजूर की गई लगभग 35,000 करोड़ रूपये के निवेश से दिल्ली की सात पुनर्विकास परियोजनाओं पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया। श्री नायडू ने एनबीसीसी की चल रही परियोजनाओं की प्रगति और उसके आगामी कदमों पर विस्तार से चर्चा की।
एनबीसीसी के अध्यक्ष और प्रबंधक निदेशक श्री ए के मित्तल ने मंत्री महोदय को जानकारी दी कि कंपनी के विचाराधीन कई पहलों में से एक वित्तीय कारोबार बढ़ाने के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) शुरू करने के लिए कंपनी काफी उत्सुक है। उन्होंने कहा कि कंपनी को 2015-16 के दौरान 17,516 करोड़ रूपये की नई परियोजनाओं के आदेश प्राप्त हुए हैं। 70,000 करोड़ रूपये से अधिक के कुल कार्य आदेश के साथ यह कंपनी देश की दूसरी सबसे बड़ी निर्माण कंपनी है। कंपनी ने 2015-16 के लिए कुल 120 करोड़ रूपये के लाभांश की घोषणा की है।
श्री मित्तल ने कहा कि एनबीसीसी ने 2015-16 के दौरान 5,838 करोड़ रूपये का सबसे अधिक राजस्व हासिल किया है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 32 प्रतिशत अधिक है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान कर चुकाने के बाद कंपनी को 311 करोड़ रूपये का मुनाफा हुआ, जो 2014-15 के मुकाबले 12 प्रतिशत अधिक है। बाजार पूंजीकरण अप्रैल 2013 में 1,706 करोड़ रूपये से बढ़कर इस वर्ष अक्टूबर में 16,836 करोड़ रूपये का हो गया।
लाभांश का चेक सौंपने के अवसर पर शहरी विकास मंत्रालय में सचिव श्री राजीव गाबा, मंत्रालय और एनबीसीसी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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