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सीआरजे अधिसूचना, 2011 के तहत ‘तटवर्ती सुविधाओं’ के अर्थ पर अस्पष्टता समाप्त करने के लिए स्पष्टीकरण जारी

देश-विदेश

तटीय नियमन क्षेत्र (सीआरजे) अधिसूचना, 2011 के तहत ‘तटवर्ती सुविधाओं’ के अर्थ पर अस्पष्टता समाप्त करने के लिए स्पष्टीकरण जारी कर दिये गये हैं।तटीय नियमन क्षेत्र अधिसूचना, 2011 के तहत इस तरह के क्षेत्रों (जोन) के अंदर नये उद्योगों की स्थापना करने और मौजूदा उद्योगों के विस्तारीकरण की मनाही है। हालांकि, वे गतिविधियां जो सीधे तौर पर तट से जुड़ी हुई हैं अथवा जिनके लिए प्रत्यक्ष रूप से तटवर्ती सुविधाओं की जरूरत है, वे इस तरह की मनाही से मुक्त हैं।

अधिसूचना के मुताबिक इस छूट के योग्य मानी जाने वाली तटवर्ती सुविधाओं की दृष्टांत सूची में बंदरगाह, जेटी, घाट, कटाव नियंत्रण उपाय, बांध, पाइपलाइन, प्रकाशस्तम्भ, नौवहन सुरक्षा सुविधाएं, तटीय पुलिस स्टेशन इत्यादि शामिल हैं, जिन्हें अपने परिचालन के लिए तट की जरूरत पड़ती है। चूंकि यह सूची विस्तृत नहीं है, इसलिए इसकी आत्मपरक व्याख्या की जाती रही थी, जिसके चलते कुछ महत्वपूर्ण तटवर्ती सुविधाओं पर भी अधिसूचना से जुड़ा मनाही अनुच्छेद अनायास मान्य हो जाता था।

शिपिंग, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता वाले बुनियादी ढांचागत समूह की बैठकों में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गयी है। बैठक में लिए गये निर्णय के अनुसार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण पत्र जारी किया है, जिसमें यह सलाह दी गई है कि विशेष रूप से बंदरगाहों से जुड़ी बुनियादी ढांचे जैसे जलावतरण मंच, ड्राई डॉक, जहाज निर्माण यार्डों, जहाज मरम्मत यार्डों, जहाज लिफ्ट, मरीना के लिए मान्य सभी तटवर्ती सुविधाएं सीआरजे अधिसूचना, 2011 के तहत स्वीकृति योग्य हैं। इस स्पष्टीकरण के साथ ही तटवर्ती सुविधाओं के अर्थ पर अस्पष्टता अब समाप्त हो गई है और इससे शिपिंग संबंधी सहायक गतिविधियों और संबंधित उद्योगों एवं सुविधाओं को बढ़ावा मिला है।

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