मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देषांे के अनुरूप कारागार विभाग द्वारा जेल की आवष्यक व्यवस्थाओं के लिए कई बेहतर कार्य किये गये, जिससे प्रदेष की जेलों की छवि में बेहतर सुधार हुआ है। जेलों के भीतर मोबाईल ले जाने पर सख्त पाबंदी लगायी गयी। जेलो में समय-समय पर तलाषी अभियान चलाया गया, जिससे प्रदेष के कारागारों में बंदियों द्वारा मोबाईल फोन के उपयोग से आपराधिक गतिविधियों का संचालन तथा वीडियो वायरल करने की घटनाओं पर रोक लगी। जेल के भीतर से होने वाले अपराधों पर प्रभावी अंकुष लगा, जिससे कारागारों के माहौल में अच्छा परिवर्तन आया है।
प्रदेश के कारागारों में स्थापित 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फीड कारागार मुख्यालय में प्राप्त कर उच्चस्तरीय निगरानी हेतु वीडियो वाॅल का निर्माण किया गया। यह स्वयं में पूरे देश में अपने प्रकार का अभिनव प्रयास हैं। वीडियो वाॅल के निरन्तर संचालन होने से कारागारों में उच्च स्तरीय निगरानी का मनोवैज्ञानिक दबाव बना है। इससे सुरक्षा तथा सामान्य प्रबन्ध व्यवस्था सुदृढ़ हुयी है। वर्तमान में कोविड-19 के अन्तर्गत कारागारों में निर्धारित नियमों का पालन कराने में भी वीडियो वाॅल की महती उपयोगिता सिद्ध हुयी है।
कारागारों में बंदियों के सर्वांगीण विकास हेतु सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, खेल कूद, योगा तथा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कौशल विकास से सम्बन्धित अनेक गतिविधियाॅ निरन्तर चलायी जा रही है। बंदियों को अवसाद एवं तनाव से बचाने की दिशा में भी काफी प्रयास किये गये है। उन्हें स्वस्थ मनोरंजन एवं सूचनाएं प्रदान करने हेतु कुल 1190 एलईडी टेलीविजन जेल की बैरकों में अब तक लगाया जा चुका है। बंदियों को सामूहिक रूप से सम्बोधित करने, व्याख्यान देने, भजन सुनाने आदि हेतु सभी कारागारों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम, 40 कारागारों में डाक्यूमेण्ट्री फिल्म दिखाने एवं प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु मल्टी मीडिया प्रोजेक्टर दिये गये हैं। सभी कारागारों में अच्छे कार्यक्रमों की फोटोग्राफ लेने हेतु 71 अद्द डिजिटल कैमरें दिये गये है ताकि जन सामान्य में प्रचार-प्रसार हो सकें। प्रदेश की कारागारों में बंदियों द्वारा संचालित जेल रेडियो स्थापित कराया गया है। वर्तमान में 26 जेलों में जेल रेडियो सफलतापूर्वक चल रहे है।
आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्गत गाइड लाइन का अनुपालन सुनिश्चित करते हुये कारागारों में निरूद्ध बंदियों का इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिये आयुर्वेदिक काढ़ा तथा होम्योपैथिक औषधि नियमित रूप से दी जा रही है। समय से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये उठाये गये कदमों के बदौलत आज उत्तर प्रदेश की जेलों में कोरोना के संक्रमण पर प्रभावी रोक लग सकी है।
कारागार एवं प्रषासन सुधार विभाग द्वारा कोरोना संक्रमण काल में कोरोना को रोकने हेतु बेहतर प्रबन्ध किये गये। कोरोना संक्रमण काल में प्रदेष के कारागारों में निरूद्ध बन्दियों द्वारा कोरोना वाॅरियर के रूप में अपनी उल्लेखनीय सेवाएं उपलब्ध करायी गयी है। प्रदेष की जेलों में बन्द कैदियों द्वारा कोेरोना के विरूद्ध लड़ाई में सहयोग करते हुये 16 लाख 53 हजार से अधिक मास्क व पी0पी0ई0 किट्स तैयार की गई हैं, जिसका उपयोग कोरोना संक्रमण से बचने में किया गया है। इसके लिए कारागार प्रषासन एवं सुधार विभाग द्वारा जेलों में सिलाई यूनिटों की स्थापना करायी गयी। बन्दियों द्वारा इसके अलावा सैनेटाइजर का निर्माण भी किया जा रहा है। जेलांे में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए किये गये प्रयासांे की वजह से आज प्रदेष की जेलों में कोरोना का संक्रमण कम है।
प्रदेष के कारागारों में सुधारात्मक एवं बंदी कल्याण की गतिविधियों से निरन्तर जुडे हुये 98 स्वयंसेवी संगठनों एवं व्यक्तियों को प्रथम बार कारागार महानिरीक्षक का प्रशस्ति पत्र दिया गया। इससे इन संस्थाओं द्वारा जहाॅ और अधिक मनोयोग से बंदी कल्याण के कार्यक्रमों में योगदान दिया गया है वहीं अन्य संस्थाएं भी प्रेरित हुयी है।
प्रदेष के करागारों में बंदियों की परेषानियों को देखते हुये उन्हें बेहतर सुविधा दिलाने के लिए 971 बंदी क्षमता का जिला कारागार का निर्माण जनपद अम्बेडकर नगर में किया गया तथा वर्तमान में निर्माणाधीन जिला कारागार श्रावस्ती, संतकबीर नगर, प्रयागराज तथा इटावा की कारागारों का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कराकर क्षमता सृजन कराया जा रहा है। जिला कारागार ललितपुर में 30 क्षमता की 02 बैरक एवं जिला कारागार, अलीगढ़ में 30 क्षमता 01 महिला बैरक का निर्माण पूर्ण कराकर 90 बंदियों की क्षमता सृजित की गयी एवं जिला कारागार फतेहगढ़ तथा आगरा की नवीन मुख्य प्राचीरों का निर्माण पूर्ण कराया गया है। 08 कारागारों में विभिन्न श्रेणी के 57 आवासों का निर्माण एवं 06 कारागारों क्रमशः फतेहपुर, बागपत, फिरोजाबाद, बांदा, गोण्डा एवं केन्द्रीय कारागार, फतेहगढ़ में कैम्पस बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कराया गया है।
15 कारागारों क्रमशः जिला कारागार गोरखपुर, बलिया, मथुरा, फिरोजाबाद, मेरठ, बुलन्दशहर, अलीगढ़, रायबरेली, लखनऊ, फैजाबाद, प्रतापगढ़, फतेहपुर एवं केन्द्रीय कारागार वाराणसी फतेहगढ़ व बरेली में टयूबवेल की स्थापना एवं 07 कारागारों क्रमशः देवरिया, गोरखपुर, गाजीपुर, बलिया, मेरठ, एटा एवं केन्द्रीय करागार वाराणसी में विजिटर शेड का निर्माण पूर्ण कराया गया है। 02 कारागारों में महिला अहाते में क्रेच किचन एवं अस्पताल वार्ड, 01 कारागार में पाकशाला 02 कारागारों में नालियों, 01 कारागार में मल्टीपरपज हाल, 01 कारागारों में वाचटावर, 01 कारागारों में पुलिस चैकी का निर्माण पूर्ण कराया गया है। प्रदेष की 15 कारागारो की 20 पाकषालाओं को आधुनिकृत किये जाने हेतु इनमें चपाती मेकर, आटा गूथने की मषीन भोजन वितरण ट्राॅली आदि आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था भी करायी गयी है। इन सभी कार्यो की बदौलत प्रदेष की जेलो का नया रूप देखने को मिल रहा है। इससे जहाॅ बन्दियों को सुविधा मिल रही है, वही बन्दियों के परिजन भी इन बदलावों से काफी प्रसन्नता महसूस कर रहे हैं।