ऋषिकेश: टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) एवं विद्युत मंत्रालय,भारत सरकार के मध्य 20.04.2018 को नई दिल्ली में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए परफारमेंस पैरामीटर्स को परिभाषित करने लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये। विद्युत मंत्रालय की ओर से श्री ए.के. भल्ला, सचिव विद्युत, भारत सरकार तथा टीएचडीसीआईएल की ओर से श्री डी.वी. सिंह, अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। इस समझौता ज्ञापन के अनुसार टीएचडीसीआईएल के लिए वर्ष 2018-19 के लिए 4650 मिलियन यूनिट (उत्कृष्ट रेंटिंग) विद्युत उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस अवसर पर श्री आर.के. वर्मा, अध्यक्ष, केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, विद्युत मंत्रालय में संयुक्त सचिव (हाइड्रो) श्रीमती अर्चना अग्रवाल, व निदेशक (हाइड्रो) श्री अभिजीत फुकन, तथा टीएचडीसीआईएल के महाप्रबन्धक (एस.पी.) श्री यू.सी. कन्नौजिया, अपर महाप्रबन्धक (एस.पी.) श्री आर.एन. सिंह, उप महाप्रबन्धक श्री संदीप चेकर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड एक लाभ अर्जित करने वाला संगठन है जिसने 31 मार्च, 2018 तक 4549.22 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन किया है। टीएचडीसीआईएल ने 10वीं पंचवर्षीय योजना में टिहरी एचपीपी से (1000 मेगावाट) व 11 वीं पंचवर्षीय योजना में कोटेश्वर एचईपी से ( 400 मेगावाट) हाइड्रो पावर तथा वर्तमान में 12वीं पंचवर्षीय योजना में अब तक 113 मेगावाट पवन ऊर्जा का योगदान किया है। इसके अतिरिक्त टिहरी पीएसपी (1000 मेगावाट), विष्णुगाड पीपलकोटी 444 मेगावाट व ढुकुवां एसएचपी 24 मेगावाट तथा खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट 1320 मेगावाट तथा 250 सोलर पावर पर कार्य प्रगति पर है।
भागीरथी नदी पर अपनी प्रथम बहुउद्देश्यीय परियोजना टिहरी बांध एवं हाइड्रो पावर प्लांट (एचपीपी 1000 मेगावाट) की वर्ष 206-07 में व कोटेश्वर हाइड्रो इलैक्ट्रिक प्रोजेक्ट (400 मेगावाट) की वर्ष 2011-12 में कमीशनिंग करने के उपरांत टीएचडीसीआईएल एक लाभ अर्जित करने वाला संस्थान है । इससे उत्तरी ग्रिड को 1400 मेगावाट हाइड्रो पावर तथा गुजरात में पाटन से 50 मेगावाट व द्वारका से 63 मेगावाट विंड पावर मिल रहा है।
टिहरी व कोटेश्वर जल विद्युत परियोजनाओं तथा गुजरात के पाटन व द्वारका में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की कमीशनिंग के उपरांत टीएचडीसी की कुल संस्थापित क्षमता 1513 मेगावाट हो गयी है। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड देश का प्रमुख विद्युत उत्पादक संस्थान होने के साथ ही एक मिनी-रत्न (कटेग्री-प्रथम) व शेड्यूल ‘ए’ दर्जा प्राप्त संस्थान है ।