चमोली/देहरादून: सिक्खों की आस्था के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने से एक दिन पूर्व गोविंदघाट से हेमकुंड के लिए सिक्ख यात्रियों के जत्थे को रवाना करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यात्रा सुगम और सुरक्षित करने के लिए सभी व्यवस्थाऐं चाक चैबंद कर दी गई है
अगले वर्ष रीठा साहिब तथा नानकमता को भी इस यात्रा से जोड़ते हुए हेमकुंड साहिब की यात्रा सुचारू की जाएगी। हमे विश्वास है कि बरसात से पूर्व सात से आठ लाख तक श्रद्धालु पहुंचेगे। वर्तमान में तीन से चार लाख श्रद्धालुओं ने अपना पंजीयन करवा लिया है। उन्होंने कहा कि वे यात्रा से पूरी तरह से संतुष्ट हैं। हेमकुंड साहिब की यात्रा को घांघरिया तक शीतकालीन यात्रा के रूप में किए जाने का प्रयास किया जाएगा।
हेमकुड यात्रा जत्थे को रवाना करते हुए उन्होंने कहा कि हेमकुंड सबसे उंचाई पर स्थित है यह एक धार्मिक सरोवर होने के साथ ही हर एक के लिए कौतुहल का विषय भी है। उन्होने यात्रा को लेकर किए गए इंतजामात पर पूरा विश्वास जताते हुए कहा कि सभी लोगों के मिश्रित प्रयास से यात्रा को और भी सुगम बनाया जा सकेगा। इस मौके पर उन्होंने विश्व धरोहर फूलों की घाटी के बारे में बोलते हुए कहा कि इस धरोहर के प्राकृतिक सौंदर्य को यथावत रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरूद्वारे में पहुंच कर मत्था टेका तथा यात्रा की सुगमता की कामना की। इस मौक पर गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी ने उन्हें तलवार तथा प्रतीक चिन्ह भेंट की गई। मुख्यमंत्री ने जत्थे की रवानगी के बाद गोविंदघाट में पुलिस चैकी तथा आपदा एवं राज्य सेक्टर मद 556.80 लाख की लागत से बने गोविंदघाट पुलना मोटर मार्ग को जोड़ने वाले बेली संस्पेशन सेतु का लोकापर्ण तथा गोविंदघाट में बहुमंजिला पार्किंग का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर अल्प संख्यक आयोग के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा, गुरूद्वारा प्रबंधन समिति के प्रबंधक सेवा सिंह, प्रमुख जोशीमठ प्रकाश रावत, लोनिवि के मुख्य अभियंता गढ़वाल आर.सी.पुरोहित, जिलाधिकारी अशोक कुमार सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी, गुरूद्वारा कमेटी के सदस्य एवं श्रद्धालु मौजूद थे।