वॉशिंगटन: अमरीकी सेना में पगड़ी, केस और दाढ़ी के साथ काम करने के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए यूएस की एक कोर्ट ने
अमेरिकी सिख सोल्जर के फेवर में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने धार्मिक मान्यता के मुताबिक, यूएस आर्मी में कैप्टन सिमरतपाल सिंह को दाढ़ी, केश और पगड़ी के साथ काम करने की इजाजत दे दी है। कैप्टन सिंह का आरोप था कि उन्हें अपने धर्म की वजह से कई भेदभावपूर्ण टेस्ट्स से गुजरना पड़ा, जबकि बाकी सोल्जर्स के लिए ऐसा नहीं था।
आर्मी की ओर से उसे 31 मार्च से पहले ऐसे ही एक और टेस्ट से गुजरने को कहा गया था। जिस पर 32,000 डॉलर का खर्च आता है। जज ने कहा कि पहली नजर में ऐसे टेस्ट सेफ्टी के लिहाज से जरूरी लगते हैं। दरअसल, इसमें यह कन्फर्म किया जाता है कि सोल्जर सुरक्षित तरीके से हेलमेट और गैस मास्क पहन पा रहा है। लेकिन उन्होंने पहले ही गैस मास्क टेस्ट पास किया है, तो अब इसकी जरूरत नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि बिना किसी महंगे टेस्ट के पहले मेडिकल व अन्य वजहों से आर्मी में हजारों जवानों को लंबे केश व दाढ़ी रखने की इजाजत दी गई है। कैप्टन सिंह को 2006 में यूएस मिलिट्री एकेडमी में पहले दिन अपने बाल और दाढ़ी कटवानी पड़ी थी।
2014 में अमेरिकी सेना ने जवानों को गर्मी वाले इलाकों में अपने धर्म के अनुसार पगड़ी, स्कार्फ और टैटू की इजाजत दी थी। लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है कि अमेरिका में छह सालों में सिर्फ चार ही सिख जवानों को पगड़ी और दाढ़ी रखने की इजाजत मिली है।