लखनऊ: प्रदेश में रेशम उद्योग के विकास से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार पैदा हुआ है। रेशम उद्योग पर्यावरण के अनुकूल, लाभप्रद, स्थाई एवं कृषि आधारित कुटीर उद्योग है। इसमें कम लागत लगाकर शीघ्र उत्पादन प्रारम्भ किया जा सकता है। रेशम कीट उत्पादक किसानों ने प्रदेश का राजस्व भी बढ़ाया है। रेशम की उत्पादकता एवं उत्पादन बढ़ने से दूसरे प्रदेशांे से रेशम की खरीददारी कम हुयी है। रेशम उद्योग बढ़े इसके लिए सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने के साथ ही किसानों को भी जागृत करना होगा।
यह बात रेशम एवं वस्त्रोद्योग, अर्थ एवं संख्या व लघु सिंचाई मंत्री श्री महबूब अली ने आज यहां पर्यटन भवन में ‘डा0 राम मनोहर लोहिया रेशम उत्पादकता पुरस्कार वितरण’ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कही। पुरस्कार के लिए प्रदेश भर से चयनित 47 उत्कृष्ट रेशम कोया उत्पादकों एवं धागाकरण उद्यमियांे को पुरस्कृत करते हुए रेशम मंत्री ने कहा कि प्रदेश रेशमी वस्त्रों के उत्पादन में अग्रणी हुआ है तथा इस उद्योग में महिलाओं की भूमिका बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार रेशम की उत्पादकता एवं उत्पादन बढ़ाने में किसानों की मदद करेगी। उन्होंने उल्लेख किया है कि मुबारकपुर में रेशम बाजार की 158 दुकाने बन रही हैं जिससे रेशम उत्पादकों को लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम के दौरान रेशम मंत्री ने 05 दिवसीय सिल्क एक्सपो-2016 प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। मंत्री ने एक्सपो में प्रदर्शित रेशम कीटपालन एवं उत्पादन का सजीव प्रदर्शन, रेशम कीटपालन उपकरण, फार्म उपकरण तथा विशुद्धी कारकों के डिस्प्ले का भी अवलोकन किया। सिल्क एक्सपो में 30,000 रुपये तक की कीमती साड़ियों को देखकर रेशम मंत्री ने कहा कि मुबारकपुर एवं बनारस के बजाय यहां की प्रदर्शनी में रेशम साड़ी सस्ती मिलनी चाहिए। रेशम मंत्री ने 47 रेशम कोया उत्पादकों एवं धागाकरण उद्यमियों को प्रति पुरस्कार 11 हजार रुपये का चेक, प्रतीक चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया। इन 47 पुरस्कारों में से शहतूती क्षेत्र में 28, टसर में 08, आरण्डी में 08, तथा कोया उत्पादकों एवं धागाकरण के क्षेत्र में 03 उद्यमियों को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में सम्मान स्वरूप मंत्री को भेंट किये गये अंगवस्त्र को रेशम मंत्री ने खुशी-खुशी महिला उद्यमी किसान को भेंट कर दिया। इसके साथ ही रेशम विभाग के सलाहकार श्री भूषण त्यागी, प्रमुख सचिव रेशम श्री मुकुल सिंघल, विशेष सचिव रेशम श्री अनिल कुमार मिश्र ने भी अपने-अपने अंगवस्त्र (शाल) को उद्यमी किसानों को भेंट कर दिये। कार्यक्रम में ‘सफलता की कहानियां’ पत्रिका का भी विमोचन किया गया।
कार्यक्रम में सलाहकार रेशम विभाग श्री भूषण त्यागी, प्रमुख सचिव रेशम श्री मुकुल सिंघल, विशेष सचिव रेशम श्री अनिल कुमार मिश्र, निदेशक रेशम श्री विमल चन्द्र श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक डा0 अल्का वर्मा के अलावा विभागीय अधिकारी तथा प्रदेश भर से जागरूक किसान एवं उद्यमी उपस्थित थे।