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प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश प्रक्रिया का सरलीकरण

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्री शिवाकांत ओझा ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के विभिन्न शासकीय, अनुदानित तथा निजी संस्थानों में प्रवेश हेतु काउंसिलिंग प्रकिया को बेहद सरल बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विशेष प्रयास किया जा रहा है कि अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के दौरान परेशानी न हो और यथा सम्भव यह प्रक्रिया आनलाइन सम्पादित की जा सके। इस वर्ष प्रत्येक अभ्यर्थी को फार्म भरने के समय ही लाॅग-इन आई0डी0 एवं पासवर्ड दिया गया है, जिससे उनके द्वारा परीक्षा प्रवेश पत्र आनलाइन ही डाउनलोड किया जा सकेगा। इसके बाद काउंसिलिंग हेतु पंजीकरण शुल्क तथा सीट आवंटन के उपरान्त सीट कन्फर्मेंशन शुल्क भी आनलाइन जमा कराये जाएंगे तथा सीट आवंटन पत्र भी आनलाइन डाउनलोड करने की सुविधा  उपलब्ध रहेगी।
श्री ओझा ने बताया कि विभिन्न प्रक्रियाओं के सरलीकरण की ओर सरकार का विशेष ध्यान है। इसी के तहत प्राविधिक शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों की सुविधा हेतु काउंसिलिंग प्रक्रिया सरल बनाने हेतु प्रभावी कदम उठाए गए हैं। गत वर्षों में अभ्यर्थी को कई पंजीकरण शुल्क जमा करवाना पड़ता था और कई बार वेरिफिकेशन सेन्टर पर जाना पड़ता था। इस वर्ष पंजीकरण फीस केवल एक बार जमा कराई जाएगी और इसी से छात्र सभी अग्रेतर चरणों की काउंसिलिंग में सम्मिलत हो सकेगा। इस संबंध में श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग, प्रमुख सचिव, प्राविधिक शिक्षा विभाग ने बताया कि इस वर्ष जे0ई0ई0 (मेन) की काउंसिलिंग  सबसे पहले कराई जाएगी और जे0ई0ई0 (मेन) की रिक्त बची सीटों को यू0पी0 प्रवेश परीक्षा की काउंसिलिंग में जोड़़ दिया जाएगा। इससे प्रदेश के छात्रों को अधिकतम विकल्प उपलब्ध हो सकंेगे। हर संस्थान में पाठ्यक्रमवार उपलब्ध समस्त सीटों का विवरण 31 मई तक यू0पी0टी0यू0 की वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिया जाएगा और अगे्रतर चरणों की काउंसिलिंग में प्रत्येक चरण के प्रारम्भ होने से पूर्व तत्समय उपलब्ध सीटों का पूर्ण विवरण (मैट्रिक्स) भी वेबसाइट पर उपलबध कराया जाएगा।
काउंसिलिंग के समस्त चरणों के समाप्त होने के पश्चात शासकीय संस्थानों में आनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से आन द स्पाट काउंसिलिंग का एक चरण आयोजित किया जाएगा जिससे शासकीय संस्थाओं में अधिकतम प्रवेश सुनिश्चित करते हुए प्रदेश के छात्रों को लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने बताया कि इस वर्ष वेरीफिकेशन केन्द्रों की संख्या बढ़ाई जा रही है, जिनकी सूची विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर 31 मई तक उपलब्ध कराई जाएगी। इससे छात्रों को अपने अभिलेखों का सत्यापन कराने के बाद केवल एक बार ही अभिलेखों का सत्यापन कराने हेतु वेरीफिकेशन सेन्टर जाना होगा। तत्पश्चात काउंसिलिंग की समस्त प्रक्रिया में आवेदक अपने सुविधा से कहीं से भी प्रतिभाग कर सकेंगे। ग्रामीण एवं दूर-दराज के क्षत्रों में रहने वाले अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए वेरीफिकेशन सेन्टर पर कम्प्यूटर, इन्टरनेट आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी ताकि प्रवेश प्रक्रिया के दौरान अभ्यर्थी यथा आवश्यक उनका उपयोग कर सकें।

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