लखनऊ: जनसामान्य के लिए विवाह पंजीकरण आवेदन प्रपत्र पूर्ण करने की प्रक्रिया सहज बनाने और पक्षकारों की पहचान को प्रमाणित करने के लिए एन.आई.सी के माध्यम से साफ्टवेयर विकसित किया गया है।
यह जानकारी प्रदेश के स्टाम्प एवं निबन्धन विभाग के प्रमुख सचिव श्री अनिल कुमार (द्वितीय) ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि इस साफ्टवेयर में वर एवं वधू के आधार डाटाबेस में उपलब्ध सूचना के अनुसार विवाह पंजीकरण हेतु निर्धारित आवेदन प्रपत्र को पूर्ण करके आधार से लिंक मोबाइल नम्बर पर प्रेषित ओ0टी0पी0 के अनुसार पक्षकारों के प्रमाणीकरण की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि इस साफ्टवेयर के माध्यम से विवाह पंजीकरण के इच्छुक दम्पति को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं होना होगा।
श्री अनिल कुमार (द्वितीय) ने बताया कि इस सम्बन्ध में स्टाम्प एवं निबन्धन विभाग द्वारा आवश्यक आदेश जारी कर दिये गये हैं। इस व्यवस्था से विवाह के पक्षकारों का प्रमाणीकरण ‘आधार’ के डाटाबेस के अनुसार ही आॅनलाइन हो जाने के कारण उनके उपनिबन्धक कार्यालय में उपस्थित होने की अनिवार्यता समप्त हो जायेगी।
श्री अनिल कुमार के अनुसार इस व्यवस्था से आनलाइन प्रपत्र के अनुक्रम मंे महानिरीक्षक, निबन्धन कार्यालय में विवाह पंजीकरण प्रमाण-पत्र स्वतः सृजित हो जायेगा एवं पक्षकारों को आधार से लिंक्ड ई-मेल तथा उनके लाॅगिन पर उपलब्ध हो जायेगा।
प्रमुख सचिव ने बताया कि इस व्यवस्था का पर्यवेक्षण महानिरीक्षक, निबन्धन कार्यालय में प्राधिकृत सहायक महानिरीक्षक निबन्धन से अनिम्न अधिकारी द्वारा किया जायेगा। इसके अतिरिक्त प्रदेश के उप निबन्धक कार्यालयों में हिन्दू विवाह पंजीकरण की पूर्व में स्थापित व्यवस्था यथावत रहेंगी। इस प्रणाली को आम जनता में लोकप्रिय बनाने के लिए प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों, तथा समस्त उप/सहायक महानिरीक्षक निबन्धन को भी निर्देशित किया गया है।
उन्होंने बताया कि अपर महानिरीक्षक निबन्धन को शिविर कार्यालय लखनऊ में हेल्प लाइन स्थापित करने एवं किसी अधिकारी के इस व्यवस्था के सुदृढ़ संचालन हेतु नामित किये जाने के भी निर्देश दिए गये हैं।
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