नई दिल्ली: शिपिंग महानिदेशालय सुंदरबन से 10 मील दूर पश्चिम बंगाल तट के नजदीक दुर्घटनाग्रस्त हुए एसएसएल कोलकाता जहाज की स्थिति की सावधानी पूर्वक निगरानी कर रहा है और उसकी सुरक्षा के दिशा-निर्देश दे रहा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध बचाव कंपनी मैसर्स स्मिथ इंटरनेशनल, सिंगापुर जहाज को सुरक्षित स्थान पर लाने में जुटी है। हालांकि खराब मौसम और अशांत समुद्र के कारण बचाव अभियान रोका गया है। बचाव दल कोलकाता पहुंच गया है और मौसम में सुधार आते ही बचाव अभियान शुरू हो जाएगा। जहाज पर लगी आग में कोई भी हताहत नहीं हुआ है।
शिपिंग महानिदेशालय के सूचना केंद्र (डीजीकॉमसेंटर) को पिछली 13 तारीख को रात 10.50 बजे व्यापारिक जहाज से एक फोन कॉल प्राप्त हुआ जिसमें कहा गया कि जहाज के कार्गों में विस्फोट हो गया है और कंटेनरों में आग लग गई है तथा मदद मांगी गई थी। आन्ध्रप्रदेश के कृष्णापत्तनम बंदरगाह से पश्चिम बंगाल के कोलकाता बंदरगाह जा रहे जहाज में 22 सदस्य और 464 कंटेनर थे। डीजीकॉमसेंटर ने तुरंत ही एमआरसीसी हल्दिया और शिपिंग महानिदेशालय, तटरक्षक बल और कोलकाता बंदरगाह न्यास के संबंधित अधिकारियों को जहाज की मदद करने के लिये सचेत कर दिया था।
अगली सुबह स्थिति की समीक्षा की गई और कोलकाता बंदरगाह न्यास तथा भारतीय तटरक्षक बल से जहाज की आग बुझाने, लोगों को बचाने और प्रदूषण रोकने में सहायता करने का आग्रह किया गया। जहाज का कप्तान और सदस्य बेकाबू आग के कारण इसे छोड़ कर चले गए और भारतीय तटरक्षक बल ने सभी सदस्यों को बचाया और उन्हें अपने जहाज आईसीजीएस राजकिरण के जरिये हल्दिया लाया गया।
अगले दिन शिपिंग महानिदेशालय के तकनीकी अधिकारियों ने सुझाव दिया कि किसी भी प्रकार के प्रदूषण को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं, क्योंकि आग लगा जहाज पर्यावरण संवेदी क्षेत्र सुंदरबन के नजदीक था। शिपिंग कंपनी और उसके प्रबंधकीय समकक्षों को सभी एजेंसियों, विशेषज्ञों और बचाव दल के साथ मिलकर जहाज को सुंदरबन की ओर जाने से रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।
उसी दिन व्यापारिक समुद्री विभाग, कोलकाता के प्रधान अधिकारी ने कोलकाता बंदरगाह न्याय, भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल और इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग के प्रतिनिधियों तथा जहाज के मालिक के साथ बैठक की तथा जहाज को सुंदरबन एवं बांग्लादेश की ओर जाने से रोकने के समन्वित उपाय किए।