आयकर विभाग ने 25 सितंबर, 2020 को एक जाने-माने व्यवसायिक समूह के 20 व्यावसायिक और आवासीय ठिकानों पर झारखंड तथा पश्चिम बंगाल में छापेमारी की है। आवश्यक वस्तुओं, वनस्पति घी के उत्पादन, रियल स्टेट और चाय बागानों से जुड़े व्यापार समेत समूह कई क्षेत्रों में व्यवसाय करता है। इस ग्रुप की रियल स्टेट परियोजना कोलकाता में है।
ज्यादातर कंपनियों में पारिवारिक सदस्य ही निदेशक के तौर पर नियुक्त हैं और कोई भी व्यवसाय वास्तविक प्रतीत नहीं होता तथा कुछ ही कारोबारों के आयकर दाखिल किए जाते रहे हैं। आर ओ सी के रिटर्न भी दाखिल नहीं किए गए हैं।
ग्रुप की ऐसी ही एक कंपनी ने 2014 के बाद से कोई व्यापार नहीं किया है। यद्यपि इसने 7 करोड़ रुपए की नकद बिक्री दर्शायी है। यह नक़दी कोलकाता के बैंक खातों में जमा की गई है जबकि नकद बिक्री बही खाते में झारखंड से दर्शाई गई है।
छापेमारी के दौरान हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और हाथ से लिखी डायरियां ज़ब्त की गई हैं। कुछ डायरियों में दर्ज विवरण संकेत करता है कि लोन नकद में लिए और दिए गए हैं और रियल स्टेट से जुड़ी परियोजना में वाणिज्यिक दुकानों की बुकिंग के लिए नकद लेनदेन हुआ है। ठेकेदारों को भी नकद भुगतान के साक्ष्य मिले हैं और नकली ठेकेदारों को भी संदिग्ध भुगतान किए गए हैं। परियोजना से जुड़ी लागत का जो विवरण किताबों में दर्ज है वह कम दिखाया गया है। निर्माण कार्यों में लिए भी नकद लागत के प्रमाण मिले हैं।
प्राथमिक आकलन अनुसार नकद लेनदेन के 40 करोड़ के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। रियल स्टेट परियोजना के लिए अग्रिम के तौर पर प्राप्त हुए 80 करोड़ रुपयों की भी जांच की जा रही है। समग्र मामले में जांच अभी जारी है।