नई दिल्ली: विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक मिनी रत्न और अनुसूची-‘ए’ सीपीएसई, एसजेवीएन लिमिटेड ने कोविड-19 महामारी के प्रभाव से निपटने में राहत कार्य के लिए प्रधानमंत्री संरक्षण कोष में 5 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है। एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी कोविड-19 ने पूरी दुनिया को अपने चंगुल में जकड़ लिया है। रोग के प्रकोप के परिणामस्वरूप इस वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या रोजाना बढ़ रही है। भारत में मामलों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ ही इस महामारी ने स्वास्थ्य और आर्थिक चुनौतियों से जुड़े गंभीर संकट खड़े कर दिए हैं।
एसजेवीएन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने बताया कि एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट नागरिक और कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई की गंभीरता को समझते हुए, एसजेवीएन ने प्रधानमंत्री संरक्षण कोष में 5,00,00,000/- (पांच करोड़) की राशि का योगदान करने का निर्णय लिया है।
देश के प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात स्थिति राहत कोष’ (प्रधानमंत्री संरक्षण कोष) के नाम से एक धर्मार्थ ट्रस्ट की स्थापना की है। यह धनराशि किसी भी प्रकार की आपातकालीन या संकट की स्थिति से निपटने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ एक समर्पित राष्ट्रीय निधि के रूप में काम करेगी, जैसे कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति, और प्रभावितों को राहत प्रदान करना।
श्री शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन देश या उसके लोगों को प्रभावित करने वाले किसी भी मुद्दे से निपटने के लिए समाज और सरकार का सहयोग करने में हमेशा अग्रणी रहा है। कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए, एसजेवीएन अस्पतालों को वेंटीलेटर खरीदने; व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण जैसे फेस मास्क, दस्ताने इत्यादि वितरित करने; अपने परियोजना अस्पतालों में क्वारंटीन इकाइयों की स्थापना करने; जरूरतमंदों को भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं का वितरण करने के लिए लगभग तीन करोड़ रुपये की राशि का भुगतान कर चुका है। एजेवीएन कर्मचारियों ने भी कोरोना की चुनौती का मुकाबला करने के लिए अपने वेतन से 32 लाख रुपये की राशि का योगदान दिया है।