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कौशल भारत ने चंदौली और वाराणसी में पंचायती राज विभाग के अंतर्गत श्रमिकों के लिए पूर्व शिक्षण (आरपीएल) की मान्यता का उत्तरदायित्व सँभाला

देश-विदेश

कौशल विकास कार्यक्रमों के बेहतर नियोजन और कार्यान्वयन के लिए विकेंद्रीकरण और स्थानीय शासन को बढ़ावा देने की अवधारणा के अनुरूप, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) चंदौली और वाराणसी में पंचायती राज विभाग के साथ श्रमिकों के लिए पूर्व शिक्षण (आरपीएल) कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। एमएसडीई के संकल्प कार्यक्रम के तहत कार्यान्वित इस आयोजन में वाराणसी के सेवापुरी और बारगाँव ब्लॉक को शामिल किया गया है जिसमें 167 ग्राम पंचायतें शामिल हैं जबकि चंदौली के नियामताबाद और साहबगंज ब्लॉकों में 160 ग्राम पंचायतें हैं।

कार्यक्रम के लिए कार्यान्वयन एजेंसी राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) है। प्रारंभिक तैयारी जैसे प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देने, उचित स्थानों पर आरपीएल शिविरों की स्थापना और उम्मीदवारों को जुटाना के लिए डीओपीआर, उत्तर प्रदेश के समर्थन के साथ अक्टूबर 2020 के प्रथम सप्ताह में प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ। इस शुभारंभ के बाद से काफी प्रगति करते हुए लगभग 2,250 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण के लिए नामांकित किया गया है। एक वर्चुअल कार्यक्रम में, केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने कौशल प्रमाणन के साथ अपने आरपीएल प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले 900 से अधिक श्रमिकों को सम्मानित किया और कार्यक्रम के द्वितीय चरण के शुभारंभ की घोषणा की।

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साझेदारी के तहत, एमएसडीई राज्य कौशल विकास मिशनों (एसएसडीएम) / जिला कौशल समितियों (डीएससी) का चयन और पीआईए को संभालने में सहायता और कार्यक्रम के सफल निष्पादन की सुविधा प्रदान कर रहा है। दोनों मंत्रालयों (एमएसडीई और एमओपीआर) को पंचायती राज निदेशालय, उत्तर प्रदेश और राज्य कौशल विकास मिशन, उत्तर प्रदेश द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है और प्रमुख चुनौतियों को सीखने और समझने के लिए आवश्यक सुधारात्मक उपायों को लागू करने हेतु प्राथमिक तौर पर निगरानी की जा रही है।

केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने इस पहल पर अपने वक्तव्य में कहा कि हमारे देश की लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण भारत में रहती है और इसलिए जिला पंचायतों का समावेश जिला कौशल विकास योजनाओं की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है और यह कौशल भारत अभियान के मामले में एक व्यापक स्तर की सुविधा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि आरपीएल के माध्यम से, हमारा लक्ष्य देश के पूर्व-मौजूदा कार्यबल के कौशल को मानकीकृत ढांचे में संरेखित करना है। मंत्री महोदय ने कहा कि प्रमाणन आत्मविश्वास का सृजन करता है, सम्मान दिलाता है और उम्मीदवारों को मान्यता प्रदान करता है, इसमें कौशल को आकांक्षात्मक बनाने की क्षमता है। युवाओं के अनौपचारिक शिक्षण की नियमनिष्ठता के समर्थन से स्थायी आजीविका के अवसर खोजने के उनके प्रयास पूरक होंगे और दूसरों के ज्ञान पर आधारित विशेषाधिकार जैसी असमानताओं को कम किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कौशल भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हम भारत के सभी गांवों में इस पहल का विस्तार करने का लक्ष्य रखते हैं, जो इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षुओं के कौशल को पहचानने के अलावा उन्हें ग्राम पंचायत के विकास कार्यों से निकलने वाले कार्य अवसरों से भी जोड़ देगा।

इस अवसर पर, उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह चौधरी, मंत्री और उत्तर प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  श्री कपिल देव अग्रवाल भी उपस्थित थे ।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय अपने विश्व बैंक से समर्थित आजीविका संवर्धन के लिए कौशल अधिग्रहण और ज्ञान जागरूकता कार्यक्रम (संकल्प) के माध्यम से, स्थानीय स्तर पर सर्वोत्तम अभिनव कार्यप्रणालियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य और जिला-स्तरीय कौशल विकास शासन के साथ कार्य कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप कौशल पारिस्थितिकी तक पहुंच, गुणवत्ता और क्षमता में वृद्धि हुई है। यह पहल तर्कसंगत और यथार्थवादी राज्य कौशल विकास योजनाओं के विकास में योगदान करेगी और अंततः कौशल विकास के लिए एक बेहतर राष्ट्रीय योजना के लिए अग्रणी भूमिका निभाएगी। ग्राम पंचायत (जीपी) स्तर पर कौशल विकास की योजना से सही अर्थों में विकेंद्रीकरण में योगदान मिलेगा। इस प्रकार, इसका उद्देश्य श्रमिकों के लिए स्थायी रोजगार और उद्यमिता के अवसरों का सृजन करना और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। यह पहल आरपीएल कार्यक्रम की प्रतिकृति और मापनीयता के दायरे को पूरे देश की अन्य ग्राम पंचायतों में बढ़ाएगी।

वाराणसी के फूलपुर से एक प्रमाणित स्वच्छता कार्यकर्ता बनने पर अपनी प्रसन्नता को साझा करते हुए श्रीमती संगीता ने कहा, “आरपीएल प्रशिक्षण ने हम सबके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखने के लिए मानक प्रथाओं का पालन करने के महत्व को समझने में मेरी काफी सहायता की है। हमने सूखे कचरे से गीले कचरे को अलग करने के महत्व को सीखा और यहां तक ​​कि एक किट भी प्राप्त की, जिसमें एक यूनिफार्म, मास्क, दस्ताने और अन्य आवश्यक उपकरण और सामान था जो कार्य के दौरान हमें सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक थे। मैं माननीय प्रधानमंत्री और माननीय केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे का इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए आभार व्यक्त करती हूं जिसने हमारे जैसे लोगों के लिए जिनके पास स्वच्छता कार्यकर्ताओं के रूप में काम करने का अनुभव है, लेकिन प्रमाणन नहीं है। प्रमाणीकरण हमें अपने कौशल के लिए पहचाने जाने, बेहतर तरीके से आय अर्जित करने और एक सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करेगा।”

चंदौली के जीवनाथपुर से लकड़ी का फर्नीचर बनाने वाले प्रमुख कारपेंटर संजय विश्वकर्मा ने प्रशिक्षण ने उसकी मदद कैसे की गई, इसका उल्लेख करते हुए कहा, “मैं 15 वर्ष से एक कारपेंटर के रूप में कार्य करते हुए सभी तरह के आधुनिक और पारंपरिक फर्नीचर बना रहा था। आज, मुझे आरपीएल के तहत एक सरकारी प्रमाण पत्र के साथ अपने कौशल के लिए आखिरकार पहचान मिल गई है जिसने मेरे लिए कई नए अवसरों के द्वार खोल दिए हैं। आजादी के बाद पहली बार, माननीय प्रधानमंत्री के शानदार नेतृत्व में इस तरह के एक विशिष्ट कौशल कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ है। मैं सभी को जाकर बताऊंगा कि यह कार्यक्रम कितना अच्छा है, और अधिकांश लोगों को बेहतर आजीविका की संभावनाओं से जुड़ने और प्रशिक्षित होने के लिए प्रोत्साहन दे सकता है।”

पूर्व शिक्षण (आरपीएल) कार्यक्रम औपचारिक माध्यम से इतर अधिग्रहीत शिक्षण के मूल्य को मान्यता देती है और एक व्यक्ति के कौशल के लिए एक सरकारी प्रमाणपत्र प्रदान करती है। इस कार्यक्रम में उम्मीदवारों को डिजिटल और वित्तीय साक्षरता की अवधारणाओं के लिए जोखिम और आकस्मिक बीमा कवरेज भी तीन वर्ष तक निःशुल्क मिलता है। चंदौली और वाराणसी में आरपीएल कार्यक्रम से मिलने वाले शिक्षण को भविष्य के रोजगारों के लिए ग्राम पंचायतों में कौशल तैयार करने की प्रस्तावित योजना के राष्ट्रीय शुभारंभ में शामिल किया जाएगा। यह पहल ग्राम पंचायत के स्तर पर कौशल विकास योजना के एक व्यापक कार्यक्रम का हिस्सा है जो देश भर के विभिन्न जिलों की ग्राम पंचायतों में संगठित तरीके से पूर्व शिक्षण (आरपीएल) को मान्यता देने के शुभारंभ पर कार्य करने पर केंद्रित है।

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