नई दिल्ली: कौशल विकास और इंटर्नशिप प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण पूरा करने के उपरांत ग्रामीण स्वयंसेवकों के दूसरे समूह को आज राष्ट्रपति भवन में प्रमाण-पत्र प्रदान किये गये।
प्रमाण-पत्र प्रदान करने के बाद राष्ट्रपति महोदय की सचिव श्रीमती ओमिता पॉल ने कहा कि राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक औषधि प्रणाली में दिया जाने वाला प्रशिक्षण ‘आयुष’ आंदोलन की एक कड़ी है। राष्ट्रपति भवन स्थित आयुष स्वास्थ्य क्लीनिक में अब तक पांच समूहों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। मरीजों का उपचार करने के लिए प्रयास किये गये हैं कि ऐलोपैथिक प्रणाली के साथ पारंपरिक उपचार प्रणाली का भी इस्तेमाल किया जाये। श्रीमती पॉल ने प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि वे हमेशा सीखनें के लिए तत्पर रहें क्योंकि सीखना जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया है।
धौलिया, अलीपुर, हरचंदपुर और रोजकामेयो गांव के स्वयंसेवकों को पारंपरिक उपचार प्रणालियों में 60 दिनों का प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण में रेड क्रॉस सोसायटी और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम ने सहयोग किया। ये सभी प्रशिक्षु स्वयंसेवक राष्ट्रपति भवन द्वारा गोद लिये गये गांवों के हैं।