दिल में जज्बा और हौंसलों में उड़ान हो, तो फिर हमें लक्ष्य तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। इसी जज्बे व हौंसले के साथ दस वर्षीय राघव गोस्वामी ने रस्सा कूद (स्किपिंग) में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है। अंडर-10 में यह रिकॉर्ड बनाने वाले राघव पहले भारतीय बच्चे हैं। जिन्होंने एक मिनट में 177 बार रस्सा कूदकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड का खिताब अपने नाम दर्ज कराया है।
फरीदाबाद स्थित सैनिक कॉलोनी में रहने वाले राघव ने बताया कि वह तीन वर्ष की उम्र से कराटे का प्रशिक्षण ले रहे हैं और कराटे में कई पदक भी जीत चुके हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते उनकी कराटे की प्रैक्टिस बंद हो गई थी। फिर उन्होंने अपने पिता के कहने पर रस्सा कूदना शुरु किया और निरंतर अभ्यास करते-करते उन्होंने रस्सा कूद में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बना डाला।
अंडर 10 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने वाला पहला भारतीय बच्चा है राघव
राघव पांचवी कक्षा में पढ़ते हैं और 16 मई 2020 को राघव ने रस्सा कूद का राष्ट्रीय रिकॉर्ड अपने नाम किया है। नौ वर्ष, छह महीने व 10 दिन की उम्र (अंडर-10 कैटेगिरी) वाला राघव पहला भारतीय बच्चा है। इससे पहले 2017 में 15 वर्ष, तीन महीने की उम्र में एक बच्चे ने 172 स्किप करके यह रिकॉर्ड बनाया था। लॉकडाउन के दौरान ही अभ्यास करके राघव ने यह खिताब हासिल किया है। राघव 10 वर्ष से कम आयु वाला पहला ऐसा बच्चा है, जिसने यह रिकॉर्ड बनाया है।
2018-19 के कराटे टूर्नामेंट में पांच स्वर्ण पदक हासिल कर चुके हैं राघव
राघव ने 2018-19 में राज्य, राष्ट्रीय व अतंरराष्ट्रीय टूर्नामेंट भी खेले जिसमें पांच स्वर्ण पदक भी हासिल किए। वहीं, राघव तीस किलोमीटर साइकिल व तीन किलोमीटर दौड़, टेबल टेनिस आदि खेलों में भी भाग लेते रहे हैं। राघव तीन वर्ष की उम्र से कराटे भी सीख रहे हैं। लॉकडाउन में मसल टोन और स्टैमिना बनाए रखने के लिए उन्होंने स्किपिंग शुरु की थी, अब राघव गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना व देश का नाम रोशन करने की तैयारी में जुट गए हैं।
पिता बने राघव के लिए प्रेरणास्त्रोत
राघव के पिता अनुज गोस्वामी ने बताया कि वह भी खेलों में बहुत रूचि रखते हैं। वह कॉरपोरेट स्तर पर बैडमिंटन व साइकलिंग करते हैं। उन्हें देखकर ही राघव की खेल गतिविधियों में रूचि बढ़ने लगी। स्कूल व कॉलेज स्तर पर भी उन्होंने कई खेल गतिविधियों में भाग लिया लेकिन वह इसमें आगे नहीं बढ़ पाए। आज राघव उनका यह सपना पूरा कर रहा है। उन्होंने बताया कि एक कारण राघव को खेलों में भेजने का यह था कि जब वह छोटा था तो बहुत बीमार रहता था।
डॉक्टर ने बताया कि उसका इम्यून सिस्टम कमजोर है। इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए उसे मिट्टी से जोड़ना जरूरी था, इसलिए उसे तीन वर्ष की उम्र से ही कराटे, दौड़ व साइकलिंग जैसी खेल गतिविधियों से जोड़ा। अनुज ने बताया कि राघव को सीखाने के लिए वह भी उसके साथ साइकिल चलाते हैं, दौड़ते हैं, जिससे उसका उत्साह बढ़ता है। जागरण