अल्मोड़ा: सल्ट को उनके महान त्याग और बलिदान के आधार पर कुमाऊॅ की बारदोली की संज्ञा दिलवाना समस्त सल्ट निवासियों की सुसंगठित एवं सुदृढ़ शक्ति का परिणाम है। भारत माता को स्वतन्त्र कराने के लिए देश में सर्वत्र बलिदान एवं आहुतियॉ हुई पर इतिहास प्रसिद्व बारदोली क्षेत्र को कहा गया। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को खुमाड़, सल्ट में शहीदों को श्रद्वांजली देते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी में हमारे शहीदों का अभूतपूर्व योगदान है, जिसे भुलाया नही जा सकता है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि 1942 की जनक्रान्ति का व्यापक असर पूरे देश के साथ सल्ट में भी पड़ा। सल्ट के कार्यकर्ताओं ने सभाओं द्वारा सरकार की नीतियों की निन्दा करते हुए आजादी की घोषणा की तथा भारत छाड़ों नारे को बुलन्द किया। आन्दोलन के तहत कार्यकर्तागण 01 सितम्बर, 1942 को खुमाड़ पहुॅचे, 03 सितम्बर को इलाका हाकिमपाली पुलिस जत्थे सहित देघाट(चोकोट) में गोली चलाकर भिकियासैंण पहुॅचा और 05 सितम्बर को पुलिस फोर्स क्वैराला पहुॅच गया इस सूचना के खुमाड़ पहुॅचने पर सत्याग्रहों की भीड़ इकटठा होने लगी और रास्ते भर मारपीट करते आ रहे हाकिम ने खुमाड़ पहुॅचकर मोर्चा बॉध लिया सामने निहत्थी भीड़ खड़ी थी आगे से गंगादत्त शास्त्री थे निहत्थी भीड़ पर अंग्रेज हाकिम द्वारा गोली चला दी गयी जिससे दो सगे भाई गंगा राम व खीमानन्द पुत्र टीका राम खुमाड़ घटनास्थल पर ही शहीद हो गये। 02 अन्य व्यक्ति चूणामढ़ी व बहादुर सिंह महर 04 दिन बाद स्वर्गवासी हो गये अन्य 05 व्यक्ति गंगा दत्त शास्त्री, मधुसूदन, गोपाल सिंह, बचे सिंह, नारायण सिंह गोली लगने से घायल हो गये थे। स्वतन्त्रता संग्राम में सल्ट का बलिदान सदा अविस्मरणीय रहेगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड देश के सबसे ज्यादा विकास करने वाले 06 अग्रणी राज्यों में एक है। राज्य के और अधिक विकास के लिये सभी वर्गों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि हमें महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को आधार बनाकर आगे बढ़ाना होगा तभी हमारा प्रदेश सही मायनों में शहीदों के सपनों के अनुरूप तेजी से प्रगति कर सकेंगा। उन्होंने महिलाओं से सामूहिक खेती एवं अन्य आर्थिक गतिविधियों में भागीदारी करने को कहा। शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देते हुये उन्होंने कहा कि शिक्षा के द्वारा ही हम विकास की नई बुलंदियों तक पहुंच सकते है। इस अवसर पर उन्होंने अनेकों शिक्षकों को उनके शिक्षा के क्षेत्र में किये गये सराहनीय कार्यों के लिये शॉल भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने मछोड उप तहसील को पूर्ण तहसील बनाने की घोषणा, मालनचौड़ में डिग्री कालेज खोलने, हसीढूंगा पेयजल पम्पिंग योजना का निर्माण करने एवं कोठीयार से सिरसौण मोटर मार्ग, हरूली से कालीगांव मोटर मार्ग, टटलगांव से गढ़कोट मोटर मार्ग, भरसोली से मेलगांव मोटर मार्ग सहित आधा दर्जन मोटर मार्गों की घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने खण्ड शिक्षाधिकारी कार्यालय सल्ट के रू. 60 लाख लागत के भवन का लोकार्पण, तथा चॉदीखेत ग्राम समूह पेयजल योजना चौखुटिया लागत 1039.43 लाख रू0 , विजयपुर ग्राम समूह पेयजल योजना लागत 367.86 लाख रू0 एवं बरकिन्डा मानिला पम्पिंग पेयजल योजना के फेज-2 अर्न्तगत बुंगीधार खाल्यों ग्राम समूह पेयजल योजना लागत 320.84 लाख रू0 का शिलान्यास किया। राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने शहीदों को श्रदांजलि देते हुये कहा कि शहीदों के सपने तभी साकार हो पायेंगे, जब हम सब मिलकर विकास से प्रेरित भावना को जन्म देगें।
इस अवसर पर पूर्व विधायक रणजीत रावत ने शहीदों को श्रद्वाजंली देते हुए कहा कि सल्ट क्षेत्र वीरो की भूमि रही है। इन शहीदों को हमारी सच्ची श्रद्वाजंली तभी सही साबित होगी, जब हम उनकी भावनाओं के अनुरूप क्षेत्र के विकास के लिए संगठित होकर कार्य करेगें। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री रावत को क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं से भी अवगत कराया।
इस दौरान प्रसिद्ध लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी एवं हीरा सिंह राणा ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। इससे पूर्व केन्द्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा एवं स्थानीय विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना ने भी शहीद स्मारक जाकर शहीदों को श्रद्वांजली अर्पित की।
इस कार्यक्रम में विधायक कपकोट ललित फर्स्वाण, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पार्वती मेहरा, उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग राजेन्द्र बाराकोटी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा, ब्लॉक प्रमुख मुन्नी आर्या, सचिव गृह/महानिदेशक सूचना विनोद शर्मा, पुलिस उप महानिरीक्षक अजय रौतेला, जिलाधिकारी सविन बंसल, पुलिस अधीक्षक के0एस0 नगन्याल आदि उपस्थित थे।