देहरादून: उत्तराखण्ड सरकार स्मार्ट सिटी के लिए अगले चरण में ग्रीन फील्ड के आधार पर देहरादून के चयन के लिए पुनः प्रस्ताव करेगी। यदि भारत सरकार के स्तर से
यह स्पष्ट हो जाता है कि आगे भी ग्रीन फील्ड पर प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल पाएगी तो देहरादून के लिए रेट्रोफिटिंग के विकल्प पर विचार किया जाएगा। इसके लिए नगर निगम सहित सभी स्टेक होल्डर से बात की जाएगी। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को देर सांय तक बीजापुर हाउस में आला अधिकारियों के साथ स्मार्ट सिटी के मामले पर विस्तार से विचार विमर्श किया। बैठक में इस बात पर मंथन किया गया कि स्मार्ट सिटी के लिए देहरादून का चयन किन कारणों से नहीं हो पाया और आगे क्या नीति अपनाई जाए।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री श्री रावत ने मीडिया को बताया कि स्मार्ट सिटी के लिए प्रस्ताव तीन आधार पर तैयार किया जा सकता था। पहला रिडेवलपमेंट, इसमें आवश्यकतानुसार पुराने निर्माण कार्यों को ध्वस्त करके नया निर्माण किया जाता या मोडिफाई किया जाता। परंतु इसके लिए आवश्यक शर्त यह थी कि इसमें शत प्रतिशत प्रभावित लोगों से लिखित में सहमति लेनी होती जो कि देहरादून में सम्भव प्रतीत नहीं हो रहा था। दूसरा विकल्प रेट्रोफिटिंग का था। इसमें पेयजल आपूर्ति, सीवरेज, ड्रेनेज सिस्टम व लोकल ट्रांसपोर्ट सिस्टम को लिया जाना था। देहरादून में विभिन्न योजनाओं के तहत पेयजल, सीवरेज व ड्रेनेज का काम पहले से ही चल रहा है। जबकि लोकल ट्रांसपोर्ट सिस्टम में मेट्रो तभी लाभदायक होती जबकि इसमें हरिद्वार व ऋषिकेश को देहरादून से जोड़ा जाता। परंतु स्मार्ट सिटी में केवल देहरादून को शामिल कर सकते थे। इसलिए रेट्रोफिटिंग में जाने से भी कोई लाभ नही होता। भारत सरकार द्वार प्रारम्भ में ग्रीनफील्ड को महत्व दिया जा रहा था। सभी विकल्पों पर विचार के बाद ग्रीनफील्ड विकल्प को अपनाया गया था।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए चयनित गए 20 शहरों में किसी का भी प्रस्ताव ग्रीनफील्ड पर आधारित नहीं था। अन्य राज्यों के साथ ही उत्तराखण्ड के संबंधित अधिकारियों को अगले चरण के लिए वार्ता हेतु बुलाया जा रहा है। भारत सरकार से यह जानकारी ली जाएगी कि देहरादून के प्रस्ताव में क्या कमियां रह गई थीं। यह भी देखा जाएगा कि इन कमियों को कितना दुरूस्त किया जा सकता है। भारत सरकार का इस बारे में दृष्टिकोण भी देखा जाएगा कि क्या आगे भी ग्रीन फील्ड प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा या नहीं। यदि यह स्पष्ट हो जाता है कि आगे भी ग्रीन फील्ड पर प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल पाएगी तो देहरादून के लिए रेट्रोफिटिंग के विकल्प पर विचार किया जाएगा। इसके लिए नगर निगम सहित सभी स्टेक होल्डर से बात की जाएगी।
बैठक में केबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, प्रीतम सिंह पंवार, हरिशचंद्र दुर्गापाल, विधायक व संसदीय सचिव उमेश शर्मा काउ, राजकुमार, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राकेश शर्मा, सचिव डीएस गब्र्याल, आर मीनाक्षी सुदंरम उपस्थित थे।
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