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स्मार्ट सिटी के सम्बन्ध में प्रेस वार्ता करते हुए शहरी विकास मंत्री प्रीतम सिंह पंवार एवं सम्बन्धित अधिकारी

उत्तराखंड
देहरादून: प्रदेश के शहरी विकास एवं पशुपालन मंत्री प्रीतम सिंह पंवार ने आज विधान सभा स्थित सभाकक्ष में स्र्माट सिटी के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता बुलायी। जिसमें उन्होेंने पत्रकारों से भारत सरकार की स्मार्ट सिटी योजना के संबंध में विस्तार से चर्चा की।

शहरी विकास मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार की स्र्माट सिटी योजना के अन्तर्गत पूरे देश में 100 स्मार्ट सिटी विकसित किये जानी हैं। योजना को चार चरणों में विभाजित किया गया है। भारत सरकार द्वारा इस योजना के पहले चरण में 98 शहरों की घोषणा की गयी है। चयनित 98 शहरों की सूची में उत्तराखण्ड से देहरादून शहर को योजना में शमिल किया गया है। इन 98 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को उपलब्ध कराया जाना है। जिसकी अंतिम तिथि 15 दिसम्बर, 2015 है। इन 98 प्रस्तावों में से 20 स्मार्ट सिटी प्रस्ताव का चयन पहले चरण में किया जायेगा। प्रत्येक स्मार्ट सिटी के लिए भारत सरकार द्वारा पांच वर्षों तक कुल 500 करोड़ रूपये तथा प्रतिवर्ष 100 करोड़ की दर से राज्य सरकार को धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। प्रत्येक शहर को स्मार्ट सिटी का प्रस्ताव भूमि के कब्जे के साथ प्रस्तुत किया जाना है। प्रत्येक शहर के लिए स्मार्ट सिटी योजना हेतु कम से कम 250 एकड़ की भूमि आवश्यकता है जबकि अधिकतम यह प्रस्ताव 1200 एकड़ भूमि के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी प्रस्ताव में पैन सिटी प्रोजेक्ट  इसका उद्देश्य जनसामान्य के दैनिक जीवन को सरल बनाना तथा इसका लाभ पूरे शहर पहुंचाना इसके तहत मोबाइल ऐप पर जन सेवायें प्रदान किये जाने का प्रस्ताव है। इसमें विभिन्न सेवाएं सम्मिलित है। जैसे- नगर निगम, तहसील, स्वास्थ्य विभाग, जिला आपूर्ति कार्यालय आदि विभागों की सेवायें उपलब्ध कराया जाना दूसरा. क्षेत्र अधारित विकास इसमें तीन प्रकार के प्रस्ताव भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत किये जा सकते हैं। रेट्रोफिटिंग- रेट्रोफिटिंग के अन्तर्गत अपने शहर जो कि पूर्व से ही बसा हुआ है, के 500 एकड़ क्षेत्र में किसी एक सुविधा का सुदृढ़ीकरण किया जा सके। जैसे- सीवर सुविधा, जल निकासी की सुविधा, पेयजल आपूर्ति की सुविधा, बिजली के तारों को भूमिगत किया जाना आदि। पुनर्विकास- इसके अंतर्गत शहर के किसी क्षेत्र में 50 एकड़ के क्षेत्रफल में समस्त निर्मित भवनों को तोड़कर व्यवस्थित तरीके से पूरे क्षेत्र का पुनः विकास किया जाना है। इसमें शत-प्रतिशत प्रभावित लोगों की सहमति जरूरी है।  ग्रीन फील्ड- इसके तहत नये शहर को विकसित किया जायेगा जहाॅं पूर्व से कोई विकास न हुआ हो।
स्मार्ट सिटी प्रपोजल के अन्तर्गत एक महत्वपूर्ण मानक यह है कि एरिया बेस्ड डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट प्रपोजल हेतु किसी एक क्षेत्र भूमि का चयन किया जाना है, तथा उक्त चयनित भूमि पर किसी एक अथवा तीनों रेट्रोफिटिंग रिडेवलमेन्ट तथा ग्रीन फील्ड को विकसित किया जाना है। उक्त तीनों घटकों में पुनर्विकास हेतु प्रभावित आबादी की शत-प्रतिशत सहमति होनी आवश्यक है। मंत्री जी ने इन सब अनिवार्यताओं के फलस्वरूप् योजना के क्रियान्वयन में व्यावहारिक कठिनाई आने की संभावना भी जतायी।रेट्रोफिटिंग का कार्य अमृत योजना के तहत देहरादून शहर में कराया जा सकता है। मंत्री ने योजना के लिए चयनित क्षेत्रों के बारे में जानकारी देते हुए बतााय कि ग्रीन फील्ड एरिया के चयन हेतु निम्म चार क्षेत्रों का परीक्षण किया गया। जिनमें  पहला रायपुर किन्तु रायपुर में इकट्ठी भूमि की उपलब्धता नहीं है तथा जोत का आकार छोटा होने के कारण विधिक एवं व्यावहारिक परेशानियाॅं हैं तथा भूमि की दरें भी उच्च हैं। दूसरा जौलीग्राण्ट यहंा पहले से सड़क के किनारों तथा अन्य क्षेत्रों में पूर्व से ही विकास हो चुका है, भू-दरें भी उच्च हैं। तीसरा विकासनगर जो कि शहर से दूर है इसकी भी भू दरें उच्च है, वहीं सड़क किनारे तथा अन्य क्षेत्रों में पूर्व से ही विकास हो चुका है। शिमला बाईपास शहर से नजदीक है, इकट्ठी भूमि उपलब्ध है और यहां पहले से कोई विकास भी नहीं हुआ है। अतः यहां योजना के क्रियान्वयन में आसानी होगी। शिमला बाईपास पर टी-इस्टेट में स्थित इन तीन  गांवों का चयन किया गया है। आरकेडिया ग्राण्ट, हरवंशवाला, कांवली। उक्त भूमि के क्रय एवं स्मार्ट सिटी प्रस्ताव माननीय मंत्रिमण्डल के समक्ष प्रस्तुत कर अनुमोदन प्राप्त किर लिया  गया है। उक्त के संदर्भ में माननीय मंत्रिमण्डल द्वारा भूमि क्रय हेतु आयुक्त गढ़वाल की अध्यक्षता में समिमि का गठन किया गया। उक्त समिति द्वारा भूमि के दरों एवं भू-स्वामित्व की जाॅंच का कार्य गतिमान है। स्मार्ट सिटी प्रपोजल के अन्तर्गत प्रस्तावित परियोजना पर  30 नवम्बर 2015 से एम0डी0डी0ए0 की बेवसाइट पर जनसामान्य के सुझाव प्राप्त करने हेतु प्रपोजल अपलोड कर दिया जाएगा। देहरादून शहर में स्मार्ट सिटी को विकसित किये जाने हेतु राज्य सरकार और विभाग की ओर से चीन की तोंगजी यूनिवर्सिटी के साथ 60ः40 के अनुपालन में संयुक्त उपक्रम के लिए अनुबंध किया गया है। तोंगजी ने पूर्व में लिंगाग न्यू सिटी, वियुवान आयलैण्ड सिटी, शंघाई टावर, न्यू सिटी हांगभाऊ स्मार्ट शहरों का निर्माण किया है।  तोंगजी के साथ 11 दिसम्बर, 2015 को एम0ओ0यू साईन किया जायेगा। स्मार्ट सिटी को नालेज सिटी के रूप में विकसित किया जायेगा। इसके अन्दर एक बड़ ग्रीन एरिया चाय बागान के रूप में ही आरक्षित रहेगा।
योजना में आम जन के जीवन पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े इसका विशेष ध्यान रखा गया है। चाय बागान क्षेत्र में निवासरत जनसामान्य हेतु क्षेत्र में राजस्व ग्राम समाज की भूमि जो कि राजस्व अभिलेखों में आबादी के रूप में दर्ज है वर्तमान में उनको नहीं हटाया जायेगा। ऐसे लोग जो टी-कम्पनी के आवास में निवासरत हैं, उनको मकान के बदले हस्तातंरण के अधिकार सहित मकान उपलब्ध कराया जायेगा, तदोपरान्त उन्हें विस्थापित किया जायेगा। जो महिलाएं चाय बागान में श्रमिक के रूप में वर्तमान में कार्यरत हैं, उन्हें ग्रीन एरिया जो कि चाय बागान के रूप आरक्षित रहेगा तथा औद्यानिकी के कार्य में लगाया जायेगा। योग्य लोगों की क्षमता का विकास भी किया जायेगा। श्रमिकों को जो भवन बनाकर उपलब्ध कराया जायेगा, उसके व्यय की धनराशि की कटौती चाय बागान के मलिकों को दिये जाने वाले मूल्य से की जायेगी।

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