लोकसभा चुनाव के दौरान तमाम सीटों की हार जीत को लेकर अभी भी बहस हो रही है. इनमें एक सीट ऐसी भी है जहां के नतीजों पर लोगों को अभी तक भरोसा नहीं हो रहा है. ये हाईप्रोफाइल सीट उत्तर प्रदेश में अमेठी की है. अमेठी लोकसभा सीट कांग्रेस, खासकर नेहरू गांधी परिवार की वजह से जानी जाती है.
राहुल गांधी पिछले कुछ लोकसभा चुनाव तक इस सीट से लोकसभा में पहुंचते रहे. लेकिन 17वीं लोकसभा में राहुल को अपने गढ़ में ही हार का सामना करना पड़ा. उन्हें केंद्रीय मंत्री और बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने हराकर 2014 की हार का बदला ले लिया.
बताते चलें कि अमेठी लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला कड़ा था, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों को यह यकीन था कि राहुल गांधी किसी न किसी तरह अपनी सीट निकालने में कामयाब हो जाएंगे. भले ही जीत हार का अंतर थोड़ा कम रहे. पर अपनी सक्रियता और मेहनत से स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी और कांग्रेस के मंसूबे पर पानी फेर दिया. उन्होंने वो कर दिखाया जो राजनीति में कभी कभार ही देखने को मिलता है. बताने की जरूरत नहीं स्मृति ईरानी के लिए अमेठी में जीत की अहमियत और मायने क्या हैं.
इस जीत के बाद स्मृति ईरानी मुंबई में 14 किलोमीटर नंगे पांव चलकर सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचीं. स्मृति ईरानी अपनी करीबी दोस्त एकता कपूर के साथ थीं. स्मृति की दोस्त और टीवी प्रोड्यूसर एकता कपूर ने सोशल मीडिया में खुद स्मृति की यात्रा की जानकारी दी. एकता ने इंस्टाग्राम पर स्मृति ईरानी संग तस्वीर और वीडियोज भी साझा किए.
स्मृति की एक तस्वीर के साथ एकता कपूर ने लिखा, “14 किलोमीटर सिद्धिविनायक के बाद वाला ग्लो.” एकता ने वीडियो में बताया कि स्मृति 14 किमी नंगे पांव सिद्धिविनायक दर्शन करने पहुंचीं. जब स्मृति से एकता ने कुछ बोलने को कहा तो वो बोलीं- “ईश्वर ने मन्नत पूरी की है.” संभवत: ये मन्नत अमेठी में जीत की है.
स्मृति ने ये तो नहीं बताया कि कौन सी मन्नत पूरी हुई लेकिन 23 मई को आए नतीजे ये साफ बता रहे हैं कि अमेठी में राहुल गांधी को हराने के बाद स्मृति ईरानी ने इतिहास बनाया. सिद्धिविनायक के दर पहुंचना उसी जीत से जुड़ा है. अब वो मन्नत हो या श्रद्धा. Source Aajtak