नई दिल्ली: महिला और बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) ने नई दिल्ली में 2018-19 के लिए आयोजित पोषण अभियान पुरस्कार समारोह में राज्य सरकारों, जिला टीमों, ब्लॉक स्तरीय टीमों और प्रक्षेत्र पदाधिकारियों के महत्वपूर्ण योगदान को सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान सम्बंधित मंत्रालयों और विकास साझेदारों की प्रतिबद्धता की भी सराहना की गई और उन्हें भी प्रमाणपत्र के साथ सम्मानित किया गया। पोषन अभियान पुरस्कार समारोह में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी, राज्य मंत्री देबाश्री चौधरी, महिला और बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) के सचिव रवीन्द्र पंवार, अपर सचिव अजय तिर्की और संयुक्त सचिव सज्जन सिंह यादव ने भाग लिया।
पुरस्कार समारोह के दौरान, नौ राज्यों – आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तराखंड और तीन केंद्र शासित प्रदेशों – चंडीगढ़, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली को 23 उत्कृष्टता पुरस्कार दिए गए जिनमें आईसीडीएस-सीएएस कार्यान्वयन और क्षमता निर्माण, अभिसरण, व्यवहार परिवर्तन और सामुदायिक संगठन के लिए पहले स्थान पर आने वाले विजेता को एक प्रमाण पत्र और 1 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार तथा दूसरे स्थान पर आने वाले को 50 लाख रूपये का पुरस्कार दिया गया। समग्र उत्कृष्टता के लिए, पुरस्कार की राशि पहले स्थान पर आने वाले के लिए 1.5 करोड़ रूपये और दूसरे स्थान पर रहने वाले के लिए 75 लाख से रूपये थी। जिला स्तर पर विभिन्न राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों के 19 जिलों के 53 अधिकारियों को एक प्रमाण पत्र और एक पदक से निर्मित पुरस्कार दिए गए। ब्लॉक स्तर पर, विभिन्न राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के 24 ब्लॉकों के 50 अधिकारियों को भी प्रमाण पत्र और एक पदक से निर्मित पुरस्कार दिए गए।
इसके अलावा, अनुकरणीय सेवाओं के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सहायकों, महिला पर्यवेक्षकों, मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) और सहायक परिचारिका और दाई (एएनएम) सहित 237 प्रक्षेत्र अधिकारियों को प्रत्येक 50,000 रूपये का नकद पुरस्कार, एक प्रमाण पत्र और एक पदक दिया गया। कुल 22 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार के साथ कुल 363 पोषण अभियान पुरस्कार दिए गए। समनुरूप मंत्रालयों और विकास सहयोगियों को 22 सराहना प्रमाण पत्र भी दिए गए।
अपर सचिव अजय तिर्की ने भारत के प्रधानमंत्री के संदेश को पढ़ा। प्रधान मंत्री ने अपने संदेश में रेखांकित किया कि “स्वास्थ्य और पोषण हमारी सरकार के प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं। समावेशी और नए भारत के निर्माण की हमारी खोज में स्वास्थ्य प्रमुख क्षेत्रों में से एक बना हुआ है। हमारी विज़न का एक अभिन्न हिस्सा 2022 तक ‘कुपोषण मुक्त भारत’ अर्जित करना है। पोषण का कार्यान्वयन कुपोषण से लड़ने और लक्षित लाभार्थियों की पोषण स्थिति को बढ़ाने के लिए किया गया है। कुपोषण को कम करने के लिए डिजिटल तकनीक, अभिसरण और लक्षित दृष्टिकोण का ईष्टतम उपयोग किया जा रहा है। यह एक तरह की अनूठी पहल है और भविष्य की बीमारियों से बचाव के लिए मल्टीमॉडल युक्तियों के माध्यम से कुपोषण से लड़ने का एक प्रयास है। हम समाज के निर्धन, जरूरतमंद और वंचित तबकों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य और पोषण पर जोर निश्चित रूप से देश के प्रत्येक हिस्से में स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाने में एक स्थायी योगदान देगा। हालांकि, इस तरह की योजनाएं बड़े पैमाने पर सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से ही सफल हो सकती हैं। पोषण के लिए प्रोत्साहन पुरस्कार प्रस्तुत करने की पहल आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायकों, सहायक नर्सों, दाइयों, महिला पर्यवेक्षकों और आशा कार्यकर्ताओं जैसे जमीनी स्तर पर कार्यबल के अनथक प्रयासों की प्रशंसा और सराहना है।“ प्रधानमंत्री ने पोषण अभियान के सभी विजेताओं को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
स्वागत समारोह में, केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ज़ुबिन ईरानी ने एक लघु फिल्म # ThankyouAnganwadiDidi – लॉन्च किया जो एक स्वस्थ बच्चे के विकास के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के योगदान की सराहना करती है। मंत्री ने सभी से इस अभियान में शामिल होने का भी आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि एक राष्ट्र के रूप में, हम अपने बच्चों की देखभाल करने और उनके बेहतर भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखने के लिए आंगनवाड़ी दीदी के आभारी हैं।
महिला और बाल विकास मंत्री ने पोषण अभियान के 5 स्तंभों- अर्थात “प्रथम 1000 दिनों का महत्व, रक्तहीनता और दस्त का पता लगाना और सही उपचार, व्यक्तिगत सफाई, स्वच्छता और पौष्टिक आहार’’ का वर्णन किया। सुपोषित भारत के विज़न को तभी हासिल किया जा सकता है जब हम एकजुट हों और सहज तरीके से काम करें। महिला और बाल विकास मंत्रालय सभी से आगामी राष्ट्रीय पोषण माह को सफल बनाने का आग्रह करता है।
राज्य मंत्री देबाश्री चौधरी ने साझा किया कि कुपोषण एक अंतर-पीढ़ीगत चक्र है। पोषण अभियान के तहत लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी संबंधित विभागों द्वारा समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सहायिका, महिला पर्यवेक्षक, मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) और सहायक परिचारिका और दाई (एएनएम) पोषण अभियान के तहत सेवाओं की प्रभावी प्रदायगी के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रक्षेत्र अधिकारी हैं।
डब्ल्यूसीडी के सचिव रबिन्द्र पंवार ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में रेखांकित किया कि 2018 एक ऐतिहासिक वर्ष रहा है जिस दौरान भारत सरकार ने कुपोषण को राष्ट्रीय विकास एजेन्डा के मध्य में ला दिया। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा पोषण अभियान का आरंभ इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा है। हितधारकों के समन्वित प्रयासों ने इस अभियान को एक जन आंदोलन में रूपान्तरित कर दिया है।