नई दिल्ली: केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने कृषि-प्रसंस्करण क्लस्टर्स के लिए आधारभूत ढांचा तैयार करने से संबंधित योजना के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) द्वारा समर्थित निर्माणाधीन एग्रो-प्रोसेसिंग क्लस्टर्स (एपीसी) के प्रवर्तकों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बात की। बैठकों के दौरान केन्द्रीय एफपीआई राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली भी मौजूद रहे।
मंत्रालय द्वारा असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्यों के लिए स्वीकृत 36 परियोजनाओं की समीक्षा की गई। प्रवर्तकों ने केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री के साथ संवाद किया और परियोजनाओं के कार्यान्वयन में मिले अनुभवों या सामने आई चुनौतियों को साझा किया।
श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि एमओएफपीआई ने इन परियोजनाओं के लिए जरूरी भौतिक निरीक्षण के विकल्प के रूप में नया तंत्र विकसित किया है। सूचना प्रौद्योगिकी साधनों के उपयोग से मासिक आभासी (वर्चुअल) निरीक्षण किए जा रहे हैं। एक दल के द्वारा आभासी निरीक्षण मॉडल के माध्यम से परियोजना की निगरानी और प्रगति के आकलन का काम किया जा रहा है।
एपीसी योजना के लिए समीक्षा बैठक 17.06.2020 और 18.06.2020 को हुई थीं, जो मौजूदा परियोजनाओं की गहन समीक्षा के लिए एमओएफपीआई द्वारा आयोजित ऑनलाइन बैठकों की श्रृंखला का हिस्सा था। परियोजनाओं के प्रवर्तकों की सहायता के लिए परिचालन, श्रम और लॉजिस्टिक समस्याओं से संबंधित अन्य चिंताओं पर भी विचार किया गया। इसलिए, कई परियोजनाओं के लिए पूरी करने की तारीख बढ़ा दी गई है, क्योंकि लॉकडाउन की बंदिशों के चलते संयंत्र और मशीनरी लगाने की प्रक्रिया में खासी देरी हो गई थी।
इस साल की शुरुआत में, सरकार ने आईटी टूल्स के एकीकरण और ई-ऑफिस कार्यान्वयन में सराहनीय कार्य के लिए एमओएफपीआई को सम्मानित किया था।
एमओएफपीआई ऑनलाइन और अन्य आभासी साधनों के माध्यम से परियोजनाओं की स्वीकृति तथा समीक्षा के लिए अंतर-मंत्रालयी बैठकों का आयोजन कर रहा है। इसके साथ ही मंत्रालय अपने समर्पित कार्यबल के साथ मिलकर सक्रिय दृष्टिकोण के साथ उद्योग संगठनों, विभिन्न हितधारकों और परियोजनाओं के प्रवर्तकों द्वारा रखे गए विभिन्न मुद्दों और चिंताओं का हल निकाल रहा है।
मंत्रालय अपने एक समर्पित निवेश पोर्टल ‘सम्पदा पोर्टल’ के माध्यम से संबंधित योजनाओं के अंतर्गत सब्सिडी के आवेदन स्वीकार करने, आवश्यक प्रक्रिया और संस्तुति का काम करता है।