नई दिल्ली: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने आज नई दिल्ली में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. बीरेन्द्र कुमार की उपस्थिति में 97 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को उनकी असाधारण उपलब्धियों को लेकर वर्ष 2017-18 के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। समन्वित बाल विकास योजना के तहत बाल विकास और संबंधित क्षेत्रों में अनुकरणीय सेवा के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने और उनकी सेवा को मान्यता देने के उद्देश्य से यह पुरस्कार दिया जाता है। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष दिया जाता है। राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार में 50,000 रुपये नकद और एक प्रशस्ति पत्र शामिल हैं। राज्य स्तरीय पुरस्कार में 10,000 रुपये नकद और एक प्रशस्ति पत्र शामिल हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि पिछले साढ़े वर्षों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। मानदेय राशि में वृद्धि, बेहतर पदोन्नति,स्वास्थ्य बीमा, काम के बेहतर माहौल आदि जैसे सुधारों की चर्चा करते हुए श्रीमती गांधी ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों को समय पर आहार देकर उनका पोषण करने के अपने प्राथमिक कर्तव्य पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ियों में बेहतर सेवाओं के लिए धनराशि का इस्तेमाल होना चाहिए। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से मांग करते हुए कहा कि वे अपने आस-पास किसी आंगनवाड़ी में बच्चों के फर्जी प्रवेश के मामले को सामने लाने में मंत्रालय के आंख और कान बनें।
कार्यक्रम में उपस्थित महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. बीरेंद्र कुमार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को उनके अनुकरणीय कार्य को लेकर और पोषण अभियान में प्रधानमंत्री के सपने की परियोजना के समुचित कार्यान्वयन में सशक्त भूमिका निभाने के लिए उन्हें बधाई दी। उनके प्रयासों की सराहना करते हुए डॉ. कुमार ने कहा कि वे भारत को कुपोषण मुक्त बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में सचिव श्री राकेश श्रीवास्तव ने पुरस्कार विजेताओं को स्वागत करते हुए कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत करने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2000-2001 में राष्ट्रीय और राज्य स्तरों पर एक योजना तैयार की थी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष पुरस्कार विजेताओं की संख्या और पुरस्कार राशि को दोगुना कर दिया गया है। इस वर्ष से राष्ट्रीय स्तर पर नकद पुरस्कार को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि कार्यस्थल पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा स्मार्ट फोन के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि देश भर से इस वर्ष के लिए इन 97 पुरस्कार विजेताओं के साथ, सभी वर्षों के लिए अभी तक के उपलब्धि पुरस्कार प्रदान किए गए हैं।