नई दिल्ली: महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों की विमान सेवाओं के कर्मचारियों से महिला सहयोगियों के सम्मान के प्रति संवेदी बनने का आग्रह किया है। श्रीमती मेनका संजय गांधी कल नई दिल्ली में एयर इंडिया तथा एयर इंडिया एक्सप्रेस में यौन उत्पीड़न के मामलों की प्रगति की समीक्षा कर रही थीं। बैठक में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, नागरिक उड्डयन मंत्रालय तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। एयर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंधन निदेशक ने बताया कि विभिन्न आईसीसी में 12 मामलें चल रहे हैं।
यह भी बताया गया कि निजी एयरलाइनों से संबंधित अनेक मामलों को महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेजा गया है। मामलों की समीक्षा करने और आईसीसी द्वारा किये गये कार्यों की प्रगति की समीक्षा करने के बाद श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि यौन उत्पीड़न के मामलों के साथ-साथ कुछ महिला कर्मचारी यौन उत्पीड़न की आड़ में प्रशासनिक स्वभाव की शिकायतें दर्ज कराती हैं। आईसीसी के लिए इन मामलों को तेजी से निपटाना महत्वपूर्ण है। इससे सही शिकायत करने वाली महिलाओं को समस्या के समाधान के लिए उचित प्रशासनिक/कानूनी व्यवस्था की तलाश करने में मदद मिलेगी। इससे आईसीसी को भी वास्तविक मामलों पर फोकस करने में मदद मिलेगी। महिला और बाल विकास मंत्री ने बताया कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने अपने निर्देशों में यौन उत्पीड़न के मामलों में अनेक त्वरित राहत उपायों का प्रावधान किया है, जिसे आईसीसी द्वारा आवश्यकता होने पर शिकायतकर्ता को प्रदान करना चाहिए।
श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि विमानन क्षेत्र में विस्तार हुआ है और यह क्षेत्र अपने कार्यबल में समावेशी बन गया है। यह क्षेत्र मध्यम वर्ग की पहुंच योग्य बन गया है। अब यह केवल उच्च श्रेणी के लोगों के लिए बना विशेष क्षेत्र नहीं रह गया है जैसा कि 70 और 80 के दशक में समझा जाता था। इस समावेशी कार्यबल तथा यात्रियों को देखते हुए विमान सेवा क्षेत्र के पुरूष कर्मचारियों, विशेषकर पायलटों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे महिला सहयोग के बारे में अपनी धारणाओं में अधिक संवेदी बने। महिला और बाल विकास मंत्री ने एयर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक से पुरूष कर्मचारियों को संवेदी बनाने का अनुरोध किया ताकि महिला कर्मचारी किसी भी प्रकार से अपने को धमकी से डरी/असुरक्षित महसूस नहीं करें। उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से निजी एयर लाइनों से भी ऐसा करने के लिए निर्देश देने को कहा।