नई दिल्ली: विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज और सड़क यातायात एवं राजमार्ग, नौवहन और जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती की स्मृति में आज नई दिल्ली के राजघाट से मोटर कार रैली सुरक्षा यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया। यह कार्यक्रम 30वें राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह का हिस्सा है। इस अवसर पर सड़क यातायात एवं राजमार्ग, नौवहन, रसायन एवं उवर्रक राज्य मंत्री श्री मनसुख लाल मंडाविया तथा महात्मा गांधी के निजी सचिव श्री वी. कल्याणम भी उपस्थित थे। यह रैली गांधी जी से जुड़े ऐतिहासिक स्थानों से होकर गुजरेगी, जो भारत के साथ बंग्लादेश और म्यांमार में भी हैं। सुरक्षा यात्रा भारत में साबरमती, पोरबंदर, डांडी, यरवदा, सेवाग्राम, जबलपुर, लखनऊ, गोरखपुर, चौरीचौरा, चंपारण, शांति निकेतन और कोलकाता से होते हुए बांग्लादेश में ढाका जाएगी। यात्रा का समापन 24 फरवरी को म्यांमार में यांगून में होगा। इस तरह यह यात्रा 7250 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इस दौरान पूरे मार्ग में सड़क सुरक्षा का प्रचार किया जाएगा।
इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि रैली का उद्देश्य सत्य और अहिंसा के गांधी जी के संदेश को फैलाना है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के आदर्श आज भी बहुत प्रासंगिक हैं और दुनिया भर के लोग उन आदर्शों का सम्मान करते हैं। श्री गडकरी ने कहा कि गांधी जी समाज के लिए प्रेरणा हैं और उनकी 150वीं जयंती पर इस रैली के आयोजन से लोगों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता पैदा होगी।
उल्लेखनीय है कि सड़क दुर्घटानाएं रोकने के लिए सड़क यातायात एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अनेक कदम उठाये हैं। इन कदमों के तहत दुर्घटना संबंधी ‘ब्लैक स्पॉट’ वाले स्थानों को दुरुस्त करना, सड़क के ढांचे में सुधार करना, वाहन चालकों को प्रशिक्षण देना और लोगों को जागरूक करना शामिल है। इस अवसर पर श्री गडकरी ने लोगों को सड़क सुरक्षा की शपथ भी दिलाई।
श्रीमती सुषमा स्वराज ने कहा कि सड़क का इस्तेमाल करने वालों को गांधी जी के सिद्धांत शांति, धैर्य और सहनशीलता को अपनाना चाहिए, ताकि उनके व्यवहार में सुधार हो सके। उन्होंने रोड-रेज के बढ़ते मामलों को उल्लेख करते हुए कहा कि बड़े पैमाने पर सड़क दुर्घटनाएं इसलिए होती हैं क्योंकि लोग वाहन चलाते समय मानसिक रूप से शांत नहीं रहते और अधीरता तथा असहनशीलता से काम लेते हैं। उन्होंने कहा कि गांधी जी के सिद्धांतों को अपनाकर लोग शांत, धैर्यवान और सहनशील बनेंगे। इस तरह सड़क दुर्घटनाएं रुक जाएंगी।
श्री मंडाविया ने कहा कि सड़क सुरक्षा की सीख देने के लिए यह रैली एक बहुत अच्छा अवसर है। उन्होंने कहा कि अनुशासन के बारे में गांधी जी का संदेश बहुत प्रासंगिक है और इससे वाहन चालकों में अनुशासन की भावना पैदा होगी। अपनी हाल की पदयात्रा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस दौरान उन्होंने महसूस किया कि गांधी जी के आदर्श आज भी समाज के लिए उपयोगी हैं।
इस अवसर पर सड़क सुरक्षा के बारे में ‘स्वच्छ सफर’ और ‘सुरक्षित यात्रा’ नामक सचित्र पुस्तकों का एक सैट भी जारी किया गया, जिन्हें उबर और अमर चित्र कथा ने तैयार किया है। इन पुस्तकों के जरिए बच्चों के लिए सड़क सुरक्षा के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई है। श्रीमती सुषमा स्वराज और श्री नितिन गडकरी ने तीसरे ‘आई-सेफ’ की भी शुरूआत की। इसके तहत देशभर के स्कूलों और कॉलेजों के लिए सड़क सुरक्षा विषयों पर चैम्पियनशिप का आयोजन होगा, जो 9 महीने चलेगी। इस तरह की पहली दो प्रतिस्पर्धाओं में 1500 से अधिक कॉलजों ने हिस्सा लिया था। आशा कि जाती है कि इस वर्ष 5 हजार कॉलेज हिस्सा लेंगे। देश के बेहतरीन कॉलेजों को 25 लाख रुपये के पुरस्कार दिए जाएंगे। इच्छुक छात्र ‘आई-सेफ’ की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण करा सकते हैं।