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प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत अब तक 34.72 लाख आवास किये गये आवंटित

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: हर किसी को सुंदर आशियाना का सपना होता है, कुछ लोग किसी तरह से आशियाना बना लेते हैं तो कुछ लोग मकान खड़ा करने में जिंदगी गुजार देते हैं। फिर भी सपना पूरा नहीं होता। ऐसे में गरीबों के सपनों को सरकार पूरा कर रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना से ग्रामीणों के सपने को नये पंख लग रहे हैं।उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत प्रदेश में 2016-17 से अब तक 34.72 लाख आवास आवंटित किये गये, जिसके सापेक्ष 29.68 लाख आवास पूर्ण कराये जा चुके है।  आवास प्लस की सूची से लक्ष्य प्राप्त करने वाला उत्तर प्रदेश ,देश का पहला राज्य  है।वर्ष 2016-17 से वर्ष 2021-22 तक आवास निर्माण में प्रतिशत की दृष्टि से उत्तर प्रदेश देश में प्रथम  स्थान पर है।91 प्रतिशत आवासों का निर्माण 10 महीने के भीतर कराया गया है, जबकि राष्ट्रीय औसत 69 प्रतिशत है।सभी भूमिहीन पात्र लाभार्थियों को पट्टा उपलब्ध कराते हुए आवास का निर्माण पूर्ण कराया गया।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण भारत सरकार की एक अति महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके अन्तर्गत सभी बेघर परिवारों एवं कच्चे तथा जीर्ण-शीर्ण मकानों में रह रहे परिवारों को 2024 तक बुनियादी सुविधायुक्त पक्का आवास उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना 1 अप्रैल, 2016 से लागू की गयी तथा इसका शुभारम्भ 20 नवम्बर, 2016 को उत्तर प्रदेश के जनपद आगरा से किया गया था।
योजनान्तर्गत सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना-2011 एवं वर्तमान में आवास प्लस के आधार पर तैयार की गयी स्थायी पात्रता सूची से आवासों का आवंटन किया जा रहा है। सामान्य क्षेत्र के लिए आवास की लागत 1.20 लाख तथा नक्सल प्रभावित जनपद के लिए 1.30 लाख की धनराशि आवास निर्माण के लिए दी जाती है। धनराशि तीन किश्तों में सीधे लाभार्थियों के खाते में पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से अन्तरित की जाती है।आवास निर्माण का क्षेत्रफल 25 वर्गमीटर रखा गया है किन्तु जगह की उपलब्धता के आधार पर लाभार्थी द्वारा निर्धारित क्षेत्रफल में अपनी सुविधानुसार आवास का निर्माण किया जा सकता है। आवास के लाभार्थी को शौचालय के निर्माण के लिए रू0 12 हजार की धनराशि स्वच्छ भारत मिशन से मनरेगा से 90 / 95 दिवस का रोजगार दिये जाने का प्राविधान है। योजना में लाभार्थियों को बिजली कनेक्शन, गैस कनेक्शन एवं वाटर कनेक्शन जैसी बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता के आधार पर दिये जाने का प्राविधान किया गया है। प्रदेश में आवास के लाभार्थी परिवार को मनरेगा एवं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जैसी गतिविधियों से जोड़ने का प्रयास भी किया जा रहा है। महिला सशक्तिकरण के दृष्टिगत यथा सम्भव महिला मुखिया अथवा पति व पत्नी के संयुक्त नाम पर आवास आवंटित किया जाता है।
आवास निर्माण के लिए पात्र भूमिहीन लाभार्थियों को प्राथमिकता पर पट्टा देकर आवास उपलब्ध कराने की व्यवस्था योजना में की गयी है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण आवासविहीन परिवारों को पक्का छत देने की महत्वपूर्ण योजना है, जिसमें अन्य कई योजनाओं के कनवर्जेन्स से लाभार्थी परिवार को विभिन्न सुविधाएं देते हुए ष्उसके सामाजिक स्तर को ऊँचा उठाते हुए मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया गया है।
उत्तर प्रदेश में,देश में सर्वाधिक  1.23 लाख ग्राम पंचायतों में विभिन्न वर्षों में सोशल आडिट की कार्यवाही की गयी है और वर्तमान में 29 हजार राजमिस्त्रियों के प्रशिक्षण की कार्यवाही प्रगति पर है क्लस्टर में आवास निर्माण को प्राथमिकता  दी जाती है।उत्तर प्रदेश द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के क्रियान्वयन में लगातार अच्छा कार्य किया गया है। तथा प्रदेश की उपलब्धि सराहनीय रही है। गत वर्षाे में योजना में उत्कृष्ट कार्य के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रदेश को कई पुरस्कार भी दिये गये है।उत्तर प्रदेश द्वारा योजना में पारदर्शिता के दृष्टिगत योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए सार्वजनिक कार्यक्रमों में मा० जनप्रतिनिधियों के हाथों से आवास का स्वीकृत पत्र एवं पूर्ण आवासों की चाभी वितरण भूमि पूजन एवं गृह प्रवेश का कार्यक्रम व्यापक पैमाने पर आयोजित कराते हुए लाभार्थियों के अन्दर जागरूकता एवं सार्वजनिक रूप से योजना के लाभार्थियों को सम्मान उपलब्ध कराया गया है।उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले आवासविहीन परिवारों को छत देने के लिए दृढ़ संकल्प है तथा पूरी पारदर्शिता के साथ योजना का लाभ सम्बन्धित हितग्राही तक पहुचाने का प्रयास कर रही है।

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