लखनऊः गेहूँ क्रय वर्ष 2018-19 में मूल्य समर्थन योजना के तहत निर्धारित लक्ष्य 50 लाख मी0टन के विरूद्ध 6,282 क्रय केन्द्रों के माध्यम से अब तक 35.04 लाख मी0टन गेहूँ 6,47,914 किसानों से खरीदा गया, जो कि लक्ष्य का लगभग 70 प्रतिशत है। गतवर्ष इसी अवधि में लगभग 20.83 लाख मी0टन गेहूँ क्रय किया गया था। खरीदे गये गेहूँ के सापेक्ष लगभग 6054.55 करोड़ का भुगतान आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से किसानों को किया जा चुका है।
गेहूँ खरीद में लापरवाही बरतने वाले अब तक 23 कर्मचारियों व 11 बिचैलियों/ठेकेदार के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की जा चुकी है। 02 व्यक्तियों को गिरफ्तार और 18 कर्मचारियों को निलम्बित किया गया है। इसके अलावा 26 के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही योजित की गयी व 13 कर्मियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गयी। इस प्रकार कुल 407 कार्यवाहियाँ की गयीं। यह जानकारी खाद्य आयुक्त श्री आलोक कुमार ने आज यहां दी।
खाद्य आयुक्त ने बताया कि किसानों को गेहूँ क्रय योजना से अवगत कराने के लिए अब तक लगभग 07 लाख कृषकों को एस0एम0एस0 भेजे गये हैं तथा गुणवत्तापरक खरीद कराने व बिचैलियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से एक काँटें पर प्रतिदिन 300 कुं0 की खरीद करने तथा कृषक के पास उपलब्ध भूमि व औसत उत्पादकता के गुणक का अधिकतम 20 प्रतिशत ही खरीद करने के निर्देश दिए गए हैं। क्रय केन्द्रों पर घटतौली की शिकायतों को खत्म करने हेतु बांट-माप विभाग के अधिकारियों से केन्द्र पर प्रयुक्त हो रहे इलेक्ट्रानिक कांटो को चेक कराने व कृषकों द्वारा बेचे गये गेहूँ का सत्यापन राजस्व के अधिकारियों से कराने के निर्देश दिये गये हैं।
श्री आलोक कुमार ने बताया कि किसानों को गेहूँ बेचने के लिए इन्तजार न करना पड़े व असुविधा न हो, इस उद्देश्य से क्रय केन्द्रों पर अनिवार्य रूप से टोकन पंजिका बनाने के निर्देश दिये गये हैं। इस पंजिका में कृषक का नाम, पता, मोबाइल नम्बर, विक्रय हेतु गेहूँ की अनुमानित मात्रा तथा गेहूँ क्रय की सम्भावित तिथि का अंकन करने तथा कृषक को इस आशय का टोकन निर्गत करने के निर्देश दिये गये हैं। सम्बन्धित अधिकारियों से अपेक्षा की गयी है कि गेहूँ विक्रय हेतु 10 दिन से अधिक की तिथि न दी जाये। उन्होंने बताया कि गेहूँ क्रय व भण्डारण सुचारू रूप से सम्पन्न कराने हेतु 51 संवेदनशील मण्डियों में समूह-ख के अधिकारियों को तैनात किया गया है तथा 72 जनपदों में सचिव, प्रमुख सचिव तथा अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों को जनपदों में जाकर गेहूँ क्रय, कृषकों को भुगतान एवं भण्डारण की समीक्षा करने के निर्देश दिये गये हैं।
खाद्य आयुक्त ने बताया कि तेजी से गेहूँ क्रय होने के कारण कतिपय जनपदों में भण्डारण की समस्या, कतिपय केन्द्रों पर बोरे व धनराशि की कमी परिलक्षित हुयी है, जिसे दूर करने के लिए प्राइवेट गोदाम, चीनी मिल के गोदाम व मण्डी के चबूतरे तथा अन्य उपयुक्त स्थान भारतीय खाद्य निगम द्वारा किराये पर लेकर भण्डारण कराया जा रहा है। अब तक 7000 मी0टन अतिरिक्त भण्डारण क्षमता चिन्हित की जा चुकी है। साथ ही भारत सरकार से प्रदेश के बाहर अन्य प्रान्तों से रैक के माध्यम से गेहूँ व चावल का वाह्य संचरण कराने का अनुरोध किया गया है।
खाद्य आयुक्त ने बताया कि लगभग 28,000 प्लास्टिक की गांठ क्रय की गयी है, और साथ ही लगभग 60 लाख मी0टन गेहूँ क्रय हेतु बोरे की व्यवस्था की जा रही है। आगरा, मथुरा, अलीगढ़, सहारनपुर, बरेली जैसे जिलों में वर्षा से भीगने के कारण गेहूँ की चमक कम पड़ जाने से कृषकों का गेहूँ क्रय केन्द्रों में क्रय में दिक्कत होने की स्थिति संज्ञान में लायी गयी थी। इस सिलसिले में भारत सरकार से गेहूँ की गुणवत्ता में लस्चर लाॅस की छूट देने का अनुरोध किया गया है।
श्री आलोक कुमार ने बताया कि लस्चर लाॅस के लिये भारत सरकार की 07 सदस्यीय टीम स्थिति का विश्लेषण करने हेतु प्रदेश में आ चुकी है। केन्द्रों पर क्रय गेहूँ वर्षा इत्यादि से भीगने न पाये, इस हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निचली सतह में गेहूँ का भण्डारण न कराने, गेहूँ को उपयुक्त डनेज यथा लकड़ी के क्रेट्स बांस बल्ली आदि पर रखने तथा गेहूँ के बोरे को पाॅलीथीन, त्रिपाल आदि से ढक कर रखने के निर्देश दिए गए हैं।