लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास विभाग द्वारा प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश के 36 गन्ना बहुल जिलों में अब तक 2,111 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है, जिसमें 45,491 महिला उद्यमी पंजीकृृत हैं। गठित समूहों के माध्यम से अब तक 1,714 बैंक खाते खुलवाये गये।
इस संबंध में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जब अधिकतर ग्रामीण परिवेश से जुड़े लोग शहर आकर आजीविका के लिए कार्य नहीं कर पा रहे हैं। ऐसी विषम परिस्थितियों में ग्रामीण महिला उद्यमियों को गन्ना विकास विभाग के सिंगल बड चिप कार्यक्रम के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार की प्राप्ति हो रही है, वहीं दूसरी तरफ इस कार्यक्रम के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों के परिवार के सदस्यों को भी रोजगार की प्राप्ति हो रही है।
इन समूहों से जुड़ी 35,524 महिलाओं को सिंगल बड चिप के सीडलिंग तैयार करने के लिए विभाग द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। महिला समूहों द्वारा अब तक 1,108 लाख सीडलिंग तैयार की गई, जिसमें से 915.13 लाख सीडलिंग की बिक्री करते हुए महिला समूहों द्वारा लगभग 28 करोड़ रूपये की आय अर्जित की गई है। गन्ने की नर्सरी से प्रति महिला उद्यमी एक सत्र में औसतन आय 59,000 रूपये की प्राप्ति होगी। अब तक प्रदेश की महिलाओं को लगभग 9 लाख मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध हुआ है।