लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को जितनी स्वतंत्रता और निष्पक्षता से एक ही तैनाती स्थल पर लम्बे कार्यकाल तक कार्य करने
का मौका समाजवादी सरकार ने दिया है, कदाचित इतने इत्मिनान और सम्मान के साथ कार्य करने का मौका किसी भी सरकार द्वारा नहीं मिला होगा। राज्य सरकार का मानवीय एवं संवेदनशील चेहरा अधिकारियों के माध्यम से ही जनता के समक्ष दिखायी देता है। इसलिए अधिकारियों को बहुत सतर्क एवं संवेदनशील होकर काम करना चाहिए। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी होने के नाते यह अधिकारी देश के सबसे बड़े बुद्धजीवियों में गिने जाते हैं। इसलिए इन्हें यह बताने की आवश्यकता नहीं पड़नी चाहिए कि स्थानीय स्तर पर किस तरह से जनता को राहत पहुंचायी जाए।
मुख्यमंत्री आज यहां विधान भवन स्थित तिलक हाॅल में आई.ए.एस. वीक के अवसर पर आयोजित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने आई.ए.एस. वीक की बंद परम्परा को पुनः शुरू कराया और एसोसिएशन के साथ मुख्यमंत्री एकादश का क्रिकेट मैच भी आयोजित होता रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने पूरे समर्थन के साथ वर्तमान सरकार को काम करने का मौका दिया है। राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाएं एवं विकास परियोजनाओं को अधिकारियों के माध्यम से ही मूर्त रूप प्रदान किया जाता है। निश्चित रूप से तमाम अधिकारियों ने अपनी मेहनत और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए अच्छे नतीजे दिए हैं, लेकिन कुछ ने लापरवाही भी बरती है।
श्री यादव ने कहा कि अधिकारी की कार्यप्रणाली एवं व्यक्तित्व उसकी तैनाती स्थल पर उसके पहुंचने से पहले पहुंच जाता है। इसलिए अधिकारियों को अपनी इमेज के प्रति सतर्क रहना चाहिए। तकनीक के इस दौर में न तो राज्य सरकार कुछ छिपा सकती है और न ही जनपदों में तैनात अधिकारी। जनता काफी सतर्क है तथा आप द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी आधुनिक संचार माध्यमों से शासन तक पहुंचाने का काम करती रहती है। इसलिए किसी भी अधिकारी को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि शासन को उसके बारे में जानकारी नहीं है।
मुख्यमंत्री ने आजमगढ़ एवं जौनपुर के जिलाधिकारियों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि स्थानीय स्तर पर अपने संसाधनों से इन अधिकारियों ने नगर के चैराहों एवं सड़कों आदि के लिए अच्छा काम किया है। इसी प्रकार कई अन्य अधिकारी भी अच्छा कार्य कर रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा संचालित कुछ बड़ी परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के ये कार्य अन्य सरकारों के लिए उदाहरण हैं। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की खास तौर पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस विशाल परियोजना के लिए जमीन की व्यवस्था एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, जिसे आप सभी के सहयोग से बहुत ही सकारात्मक माहौल में पूरा किया गया। यह परियोजना अब पूरी होने जा रही है। इसी प्रकार समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए भी आप सभी को तत्परता से काम करना होगा। लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के मामले में भी अधिकारियों ने अच्छा कार्य किया। इसके परिणामस्वरूप ही देश की अब तक की सबसे कम समय में तैयार होने वाली मेट्रो रेल परियोजना का प्रथम चरण शीघ्र पूरा होने जा रहा है।
श्री यादव ने कहा कि जनपदों में तैनात अधिकारी अपनी संवेदनशीलता एवं गरीबों को सहयोग देने की भावना से काम करते हुए सरकार की छवि में सुधार के लिए बड़ा सहयोग दे सकते हैं। समाजवादी पेंशन योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना से 45 लाख गरीब परिवारों को आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है। आगामी वित्तीय वर्ष में 10 लाख अतिरिक्त लाभार्थियों को योजना के दायरे में लाने के लिए बजट में व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि 10 लाख अतिरिक्त परिवारों को मदद देना बहुत बड़ा फैसला है। इसमें जिलों में तैनात अधिकारियों को वास्तविक लाभार्थियों के चयन को सुनिश्चित कराने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर लोग यह महसूस कर सकें कि राज्य सरकार उनके साथ है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से सभी विभागों व योजनाओं पर बराबर ध्यान दिए जाने पर बल देते हुए कहा कि जनपदों में तैनात अधिकारियों पर जनता बहुत भरोसा करती है। लेकिन यदि अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाए तो जनता उस पार्टी की सरकार से प्रसन्न भी बहुत होती है। यह बात उन्हीं अधिकारियों पर लागू होती है, जो जनता का दिल जीतने में नाकाम रहते हैं। लेकिन जो अधिकारी पूरी संवेदनशीलता से जनता की समस्याओं को सुनकर उसके निदान के लिए काम करते हैं, उन्हें जनता का सहयोग भी बहुत मिलता है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सर्वाधिक चुनौती किसानों एवं नौजवानों के सामने है। किसानों को समय से खाद, बीज, सिंचाई हेतु पानी एवं अन्य जरूरी कृषि निवेशों को उपलब्ध कराया जाए। तभी गांव एवं किसान की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। नौजवानों को सरकारी रोजगार देना एक सीमा तक ही सम्भव है। इसलिए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन एवं यू.पी. स्टार्ट अप पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
श्री यादव ने जनपद गाजीपुर का उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ समय पूर्व वहां के दुग्ध विक्रेता अपने उत्पाद को वाराणसी तक पहुंचाने के लिए बहुत परेशान रहते थे। राज्य सरकार ने उनकी इस समस्या पर गम्भीरतापूर्वक विचार करते हुए मण्डी के माध्यम से परिवहन व्यवस्था कराने का काम किया, जिससे वहां के दुग्ध उत्पादकों को काफी लाभ मिल रहा है। इसी प्रकार की योजना महोबा में भी शुरू की गई है। गांव स्तर पर स्वरोजगार के पर्याप्त संसाधन पैदा करने के लिए ही ‘आई स्पर्श’ की योजना शुरू की जा रही है।
गर्भवती महिलाओं एवं अति कुपोषित बच्चों के लिए फीडिंग कार्यक्रम एवं हस्त शिल्पियों के लिए पेंशन आदि जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रति अधिकारियों को संवेदनशील होना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है। इसके हर क्षेत्र की समस्याएं भिन्न-भिन्न हैं। अधिकारियों को स्थानीय आवश्यकताओं को देखते हुए काम करना चाहिए। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में जरूरत के हिसाब से सड़कों के किनारे शौचालय बनवाने का कार्य अधिकारियों का ही है। इसके लिए मुख्यमंत्री के आदेश की प्रतीक्षा करना उचित नहीं है। अधिकारियों को यह सोचना होगा कि सड़कों के किनारे शौचालय की कमी से महिलाओं के साथ किस प्रकार की घटनाएं हो सकती हैं और इन घटनाओं के बाद सरकार की इमेज पर क्या असर पड़ता है।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करने का इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता। उन्होंने इस क्षेत्र में तैनात अधिकारियों को विशेष रूप से निर्देशित किया कि जनता के इस दुःख-दर्द में अधिकारी उनके साथ न केवल खड़े दिखायी दें, बल्कि उनकी इस समस्या को हर स्तर पर व्यक्तिगत रुचि लेकर समाधान कराएं। उन्होंने कहा कि नेपाल में आए भीषण भूकम्प के समय भी नेपाल की सीमा से लगे उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने जिस संवेदनशीलता का परिचय दिया था, उसी संवेदनशीलता की जरूरत बुन्देलखण्ड क्षेत्र की भी है। राज्य सरकार ने इस क्षेत्र के सूखे के निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। अधिकारियों को इन योजनाओं का पूरा लाभ जनता तक पहुंचाना होगा। इस क्षेत्र में नदियों को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ तालाबों की खुदाई भी जरूरत के मुताबिक की जा सकती है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ने के साथ-साथ भविष्य के लिए पर्याप्त जल संचय की सम्भावना भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के गरीबों के लिए राज्य सरकार द्वारा जो खाद्य सामग्री वितरित करने का फैसला लिया गया है, उसे एक-एक लाभार्थी तक पारदर्शिता के साथ पहुंचाने का दायित्व अधिकारियों का ही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हाल ही में गोरखपुर, हमीरपुर एवं आगरा जनपदों में गांव-गांव तक चलायी जा रही योजनाओं एवं तैनात अधिकारियों की कार्यप्रणाली की जानकारी एकत्रित करायी गयी। इस फीडबैक में स्थानीय जनता ने अधिकारियों के बारे में बहुत कुछ कहा है। इसलिए अधिकारियों को सतर्क किया जा रहा है कि वे स्वयं अपनी कार्यप्रणाली का फीडबैक प्राप्त कर इसमें आवश्यक सुधार करें। अन्यथा ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने में राज्य सरकार को कतई हिचक नहीं होगी।
श्री यादव ने जनपद आगरा की पुलिस द्वारा किडनैपिंग की घटना पर तत्परता से सकारात्मक कार्रवाई करने के लिए पुलिस कर्मियों की प्रशंसा की तथा इसके लिए पुलिस टीम को 05 लाख रुपए का इनाम देने की बात भी कही। यह रकम पुलिस महानिदेशक द्वारा घोषित 50 हजार रुपए से अलग होगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश पावर काॅर्पोरेशन द्वारा किए जा रहे बेहतर कार्य की भी प्रशंसा की और भरोसा जताया कि यह विभाग और अधिक बेहतर काम करेगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ‘उत्तर प्रदेश के विकास का एजेण्डा वर्ष 2016-17’ का विमोचन भी किया।
इससे पूर्व, मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री प्रवीर कुमार तथा पुलिस महानिदेशक श्री जावीद अहमद ने भी अधिकारियों को सम्बोधित किया।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती अनीता सिंह, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।