नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज राष्ट्रपति संपदा में सौर ऊर्जा परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया। इसके तहत राष्ट्रपति संपदा की सात इमारतों की छतों पर सौर पैनल के जरिये 670 किलोवाट सौर ऊर्जा पैदा की जाएगी। राष्ट्रपति संपदा में यह परियोजना ग्रामीण विद्युतीकरण निगम के सहयोग से चलाई जा रही है।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति भवन केवल भारत के राष्ट्रपति का आवास और कार्यालय ही नहीं है बल्कि राष्ट्रपति संपदा एक छोटा सा शहर है। इसकी ऊर्जा आवश्यकताएं बढ़ती जा रही हैं। ऊर्जा संसाधनों की कमी के कारण गंभीर चुनौती पैदा हो गई है। उऩ्होंने कहा कि भारत ने पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं और भारत में प्रतिबद्धता जाहिर की है कि 2030 तक कम से कम 40 प्रतिशत बिजली अन्य स्त्रोतों से पैदा की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सौर ऊर्जा अत्यन्त महत्वपूर्ण है। भारत ने लक्ष्य निर्धारित किया है कि 2022 तक कम से कम 100 गीगावाट सौर ऊर्जा पैदा की जाएगी। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि राष्ट्रपति सचिवालय ने इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिये हैं।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर हरित ऊर्जा प्रदर्शनी जैसे नये विचारों की सराहना की। उन्होंने नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन करने वाले छात्रों को उनके भावी प्रयासों के लिए शुभ कामनाएं दीं। इस अवसर पर राष्ट्रपति के सचिव श्रीमती ओमिता पॉल ने डॉ. राजेन्द्र दास सर्वोदय विद्यालय की कक्षा 11 और 12 की छात्राओं के लिए कौशल विकास और भविष्य बनाने की कक्षाओं का उद्घाटन किया।