वाराणसी: उत्तर प्रदेश विश्वभर की परिक्रमा करने निकला ‘सोलर इंपल्स विमान’ मंगलवार को भारत में उतरेगा। यह विमान सोमवार को ही अहमदाबाद पहुंचने वाला था, लेकिन खराब मौसम के चलते इसे उड़ान भरने में एक दिन की देरी हो गई। दो दिन अहमदाबाद में रुकने के बाद यह विमान वाराणसी पहुंचेगा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सौर ऊर्जा के बड़े पैरोकार हैं और भारत में यह विमान जिन दो गजहों पर ठहरेगा वह शहर पहले और अब मोदी की कर्मभूमि रहे हैं। विमान के निर्माता और पायलट बरट्रैंड पिकार्ड और आंद्रे बोशबर्ग अहमदाबाद और वाराणसी में स्वस्छ ऊर्जा का संदेश देंगे।
कुल चार दिन के भारत प्रवास के दौरान यह विमान अहमदाबाद के बाद वाराणसी में भी दो दिन रुकेगा, जहां बरट्रैंड पिकार्ड और आंद्रे बोशबर्ग दो दिनों तक सरकार से लेकर गैर सरकारी संगठनों तक से मेल-मुलाकात करेंगे। वाराणसी के विभिन्न विश्वविद्यालयों और स्कूलों में वह स्वच्छ तकनीक का संदेश देंगे। ताकि सौर ऊर्जा के जरिए सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा की जरूरतों को पूरा किया जा सके। विमान प्राचीन नगरी काशी में गंगा नदी के ऊपर से भी उड़ान भरेगा ताकि स्वच्छता और स्वच्छ ऊर्जा का संदेश प्रसारित किया जा सके। बता दें, वाराणसी के बाद भारतीय सीमा को लांघते हुए यह विमान म्यामांर को उड़ जाएगा।
स्वच्छ ऊर्जा का संदेश देगा सोलर इंपल्सः
पूरी तरह से सौर ऊर्जा से उड़ने वाले इस विमान ने अबू धाबी से उड़ान भरी। करीब 10 घंटे में इसके ओमान के मस्कट में पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद यह म्यांमार, भारत, चीन, न्यूयॉर्क होते हुए फिर अबू धाबी पहुंचेगा। सौर ऊर्जा से चलने वाला विमान सोलर इंपल्स-2 दुनिया को स्वच्छ ऊर्जा का संदेश देगा। पूरी तरह से सौर ऊर्जा से उड़ने वाले इस विमान ने अबू धाबी से उड़ान भरी। करीब 10 घंटे में इसके ओमान के मस्कट में पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद यह म्यांमार, भारत, चीन, न्यूयॉर्क होते हुए फिर अबू धाबी पहुंचेगा। सौर ऊर्जा से चलने वाला विमान सोलर इंपल्स-2 दुनिया को स्वच्छ ऊर्जा का संदेश देगा।
सू्र्य के रथ जैसा है सोलर इंपल्सः
सूर्य के रथ जैसा दिखने वाला और एक कार जितने वजन के हल्के सिंगल सीटर सोलर इंपल्स विमान का भारत आगमन मंगलवार को होगा। यह विमान संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबूधाबी से उड़कर ओमान के मस्कट में रुकने के बाद अहमदाबाद में लैंड करेगा। विमान परियोजना की पीआर फर्म के अनुसार स्विटजरलैंड में बना यह विमान 35 हजार किलोमीटर की अपनी अनूठी विश्व यात्रा को 25 दिनों की उड़ानों में तय करेगा, हालांकि मोटे तौर पर विश्व भ्रमण को पूरा करने में पांच महीने लगेंगे।
गंगा नदी के ऊपर से भी उड़ान भरेगा सोलर इंपल्सः
बरट्रैंड पिकार्ड और आंद्रे बोशबर्ग दो दिनों तक अपने अहमदाबाद प्रवास के दौरान सरकार से लेकर गैर सरकारी संगठनों तक से मेल-मुलाकात करेंगे। विभिन्न विश्वविद्यालयों और स्कूलों में वह स्वच्छ तकनीक का संदेश देंगे। ताकि सौर ऊर्जा के जरिए सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा की जरूरतों को पूरा किया जा सके। विमान प्राचीन नगरी काशी में गंगा नदी के ऊपर से भी उड़ान भरेगा ताकि स्वच्छता और स्वच्छ ऊर्जा का संदेश प्रसारित किया जा सके।
भारत में स्विटजरलैंड के राजदूत लिनस वोन कैस्टेलमुर ने बताया कि अपनी ऐतिहासिक विश्व उड़ान पर सोलर इंपल्स सोमवार की सुबह अबुधाबी से रवाना हुआ। कुल चार दिन के भारत प्रवास के दौरान यह विमान अहमदाबाद से वाराणसी के लिए उड़ान भरने के बाद भारतीय सीमा को लांघते हुए म्यामांर को उड़ जाएगा।
कार्बन फाइबर से बना है सोलर इंपल्सः
सोलर इंपल्स विमान कार्बन फाइबर से बना है। इसके विशाल डैने 72 मीटर लंबे हैं जोकि बोइंग-747 से भी बड़े हैं। विमान का वजन मात्र 2300 किलोग्राम है। यह दुनिया का पहला ऐसा सौर विमान है जो दिन और रात में समान रूप से उड़ान भर सकता है। ये विशुद्ध रूप से सौर ऊर्जा से संचालित है और इसमें परंपरागत ईंधन कतई इस्तेमाल नहीं होता है। विमान के डैने में लगे 17,248 सोलर सेलों के जरिए इलेक्ट्रिक मोटर को परिवर्तनीय ऊर्जा मिलती है। सोलर सेलों से लिथियम पॉलिमर बैट्रियां चार्ज होती हैं जिनकी बदौलत विमान रात में भी सौर ऊर्जा से उड़ान भरता है।
पुराने प्रोटोटाइप का नया वर्जनः
स्विट्जरलैंड के दोनों पायलटों का कहना है कि उनका मकसद पुरानी प्रदूषण वाली तकनीक को साफ और स्वच्छ तकनीक से बदलने के लिए जागरूकता फैलाना है। हल्का सोलर इंपल्स-2 पांच साल पहले उड़ान भर चुके एक सीट वाले विमान के प्रोटोटाइप का बड़ा वर्जन है।
17 हजार बैटरियां लगी हैं:
यह कार्बन फायबर से बने सोलर इंपल्स के डायनों में 17,248 बैटरियां लगी हुई हैं। इससे विमान को उड़ान भरने के लिए ऊर्जा मिलती है। सोलर बैटरियां लिथियम पॉलिमर बैटरियों से रीचार्ज होती हैं। कंपनी का कहना है कि इसके डायनों का विस्तार 72 मीटर तक है, जो बोइंग 747 से बड़ा है। हालांकि, इसका वजह एक कार के बराबर करीब 2,300 किलोग्राम है।
पिछले साल दिखाया गया था विमानः
विमान को पिछले साल अप्रैल में दुनिया के सामने लाया गया था और उसके बाद जून में इसे पहली बार पश्चिमी स्विट्जरलैंड में दो घंटे 17 मिनट के लिए उड़ाया गया था। ओमान के बाद विमान भारत पहुंचेगा और यहां दो जगहों पर रुकने के बाद चीन के लिए रवाना हो जाएगा।