देहरादून: प्रदेश में चल रही सियासी उठापटक के बीच सबसे बड़ा खामियाजा किसी और को भुगतना पड़ा रहा है वो है
शक्तिमान। जिस घोड़े की बदौलत प्रदेश की सियासत चरम पर थी, उसके इलाज के लिए अब पैसे नहीं हैं। अब लग रहा है कि शक्तिमान का इलाज अब बीच में रोकना पड़ेगा।
शक्तिमान के उपचार के लिए पुलिस अधिकारियों ने राज्यपाल के पास सात लाख रुपये का प्रस्ताव बनकर भेजने की तैयारी कर रहे हैं, ताकि शक्तिमान को इलाज हो सके।
पूर्व में शक्तिमान के उपचार के लिए खर्च का बजट बनाकर भेजा गया था, लेकिन सियासी हलचल और अचानक से प्रदेश सरकार के हटने के चलते शक्तिमान के उपचार की फाइल बीच में ही अटकी रह गई है। डीजीपी बीएस सिद्धू ने कहा कि अबतक शक्तिमान के उपचार में लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं। वर्तमान में उपचार के लिए पैसों की आवश्यकता है, जिसका प्रस्ताव जल्द राज्यपाल को भेजा जाएगा।
उत्तराखंड पुलिस के प्रशिक्षित घोड़े शक्तिमान पर कथित रूप से लाठी से हमला कर उसे घायल करने के आरोप में भाजपा विधायक गणेश जोशी और उनके सहयोगियों पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। शक्तिमान की जान बचाने के लिये चिकित्सकों ने ऑपरेशन कर उसकी टूटी टांग काट दी और उसकी जगह कृत्रिम पैर लगा दिया था।